World Animal Day: पशुपालकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं, 'पशु चिकित्सा एम्बुलेंस योजना'

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पशु चिकित्सा एम्बुलेंस वाहनों को हरी झंडी दिखाकर सभी जिलों के लिए रवाना किया था. इस योजना में केंद्र सरकार की 60% भागीदारी है तो वहीं प्रदेश सरकार की 40% सहभागिता है. प्रदेश में 'टी एंड एम प्राइवेट लिमिटेड' आउटसोर्स एजेंसी है को पशु चिकित्सा एम्बुलेंस का संचालन कर रही है.

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पशुपालकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं, 'पशु चिकित्सा एम्बुलेंस योजना'

World Animal Day: पशुधन को लेकर मध्य प्रदेश की सरकार ने 'पशु चिकित्सा एम्बुलेंस योजना' की शुरुआत की है. इस योजना के तहत पशुओं को घर में ही चिकित्सा सुविधा दी जा रही  है. इसका टोल फ्री नंबर 1962 है. पशुपालक इस टोल फ्री नंबर को डायल करके पशु चिकित्सा का लाभ ले रहे है. इस योजना की शुरुआत 12 मई 2023 को हुई थी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पशु चिकित्सा एम्बुलेंस वाहनों को हरी झंडी दिखाकर सभी जिलों के लिए रवाना किया था. इस योजना में केंद्र सरकार की 60% भागीदारी है तो वहीं प्रदेश सरकार की 40% सहभागिता है. प्रदेश में 'टी एंड एम प्राइवेट लिमिटेड' आउटसोर्स एजेंसी है को पशु चिकित्सा एम्बुलेंस का संचालन कर रही है.

पशुपालकों को घर में मिल रही चिकित्सा सुविधा

कटनी जिले में सभी 6 ब्लॉकों में और शहर में एक एम्बुलेंस वाहन है. सभी वाहनों में एक डॉक्टर, एक पैरावेट और एक ड्राइवर कम अटेंडेंट की तैनाती की गई है. इनके संचालन के लिए कॉल भी सेंटर बनाया गया है. पशुपालक टोल फ्री नंबर 1962 में कॉल कर घर बैठे पशु चिकित्सा एम्बुलेंस की सुविधा ले रहे है. इस एम्बुलेंस वाहन में सभी सुविधाएं मौजूद है. पशुपालकों से केवल एम्बुलेंस वाहन का शुल्क 150 रु लिया जाता है बाकी सभी उपचार व दवाइयां निःशुल्क रहती है. 

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पशु चिकित्सा एम्बुलेंस योजना

'हमारे लिए अब सब कुछ आसान हो गया' -लाभार्थी 

कटनी के दुबे कॉलोनी में रहने वाली आरती शुक्ला ने आज अपने बीमार गोवंश के उपचार के लिए 1962 डायल किया. इसमें थोड़ी ही देर बाद उनके घर पर गौशाला में पशु चिकित्सा एम्बुलेंस वाहन पहुंची। इसमें चिकित्सा टीम ने मौके पर ही गाय के बछड़े का उपचार शुरू किया। घर मे ही तुरंत चिकित्सा सुविधा पाकर गौ पालक ने इस योजना की सराहना की. आरती शुक्ला ने बताया कि वह पिछले 16 वर्षों से गाय पाल रही है लेकिन पहले गायों के बीमार होने पर वह काफी परेशानी होती थीं. बीमार गाय को पशु अस्पताल ले जाना पड़ता था. कभी डॉक्टर मिलते थे कभी नहीं....  लेकिन आज उन्हें पशु चिकित्सा एम्बुलेंस की सुविधा घर में ही मिल गई है जिससे उन्हें काफी खुशी है.

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पशु चिकित्सा एम्बुलेंस

पशुपालकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं 

पशु चिकित्सा एम्बुलेंस वाहन में आए डॉक्टर प्रहलाद तोमर ने बताया कि कटनी शहर में एक दिन में करीब 15 से 20 मामलों की हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से उन्हें सूचना मिलती है जिसपर वह मौके पर ही जाकर पशुओं का चिकित्सा उपचार करते है. वर्ल्ड एनीमल डे में केंद्र और प्रदेश सरकार की तरफ से पशुधन के लिए शुरू की गई यह पशु चिकित्सा एम्बुलेंस योजना पशुपालकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. हमारा प्रयास है कि इस तरह की निःशुल्क योजना की जानकारी सभी पशुपालकों तक पहुंचे और इसका लाभ सभी पशुपालक ले सकें.

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