Women's Day: समाज में बदलाव के लिए इस महिला ने लिया VRS, निस्वार्थ भाव से कर रहीं आदिवासी क्षेत्रों में काम

Khargone News: मध्य प्रदेश के खरगौन में समाजसेवी भारती ठाकुर समाज सुधार के लिए काम कर रही हैं. वे पिछले 14 वर्षों से खरगोन जिले के नर्मदा नदी के तट पर बसा ग्राम लेपा पुनर्वास में काम कर रही हैं.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
भारती ठाकुर पिछले 14 वर्षों से समाज के लिए काम कर रही हैं.

International Women's Day Special: महिला दिवस के अवसर पर NDTV ऐसी महिलाओं की कहानी बता रहा है, जिन्होंने अपने काम और ज़ज़्बे से समाज में बदलाव लाया है. एक ऐसी ही कहानी है महाराष्ट्र के नासिक (Nashik) की रहने वाली भारती ठाकुर (Bharti Thakur) की. वैसे तो भारती ठाकुर महाराष्ट्र (Maharashtra) की रहने वाली हैं, लेकिन वे मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खरगौन (Khargone) में समाज सुधार के लिए काम कर रही हैं. वे पिछले 14 वर्षों से खरगोन जिले के नर्मदा नदी के तट पर बसा ग्राम लेपा पुनर्वास में काम कर रही हैं. भारती ठाकुर रक्षा विभाग से वीआरएस लेकर एक संस्था के माध्यम से मानव सेवा कर रही हैं.

स्कूली बच्चों को कुशल बनाने का काम किया जा रहा है.

निशुल्क दी जा रही शिक्षा

भारती ठाकुर का उद्देश्य भारत की संस्कृति को बचाना और आदिवासी क्षेत्र (Tribal Area of Khargone) से बच्चों को निशुल्क शिक्षा देना है. इसके साथ ही उनके उत्थान के लिए काम करना और उनका भारतीय संस्कृति से रूबरू करवाना ही भारती ठाकुर का उद्देश्य है. इसके लिए वे संगीत एवं अन्य परंपराओं से आदिवासी क्षेत्र के बच्चों को आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनाने के लिए उनको आईटीआई का प्रशिक्षण देकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए काम कर रही हैं. इसके अवाला वे इन बच्चों में देश के प्रति प्रेम की भावना बढ़ाने का काम कर रही हैं.

Advertisement

इन बच्चों को हर तरह के गुण सिखाए जा रहे हैं.

उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि बच्चों को कुशल बनाने के लिए भारती ठाकुर ने एक कौशल रथ बनाया है. इस कौशल रथ के माध्यम से पास के ग्रामीण क्षेत्र में शासकीय स्कूलों के प्रांगण में 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को उनकी रुचि के अनुरूप हुनर सिखाया जाता है. इन बच्चों को वेल्डिंग, मोटर वाइंडिंग, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबरी के कार्य सहित अन्य तरीके से कौशल रथ के माध्यम से उनको प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

Advertisement

महिलाओं और बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने का हो रहा काम

भारती ठाकुर द्वारा एक बस को कौशल रथ बनाया गया है और यह रथ इंस्ट्रूमेंट से लैस है, जो ग्रामीण क्षेत्र में जाता है और गांव की चौपाल पर बैठे युवकों को अलग-अलग 8 ट्रेड की शिक्षा देता है और बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने का काम करता है. भारती ठाकुर द्वारा ग्रामीण महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए घरेलू काम में आने वाली वस्तुओं के निर्माण की ट्रेनिंग भी कराई जाती है. जिससे ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें.

Advertisement

भारती ठाकुर द्वारा युवाओ को कौशल शिक्षा प्रदान की जा रही है.

वहीं शिक्षा में बच्चे पिछड़े नहीं, इसके लिए आदिवासी क्षेत्रों के गरीब बच्चों लाया जाता हैं और उन्हें स्कूल में कक्षा पहली से दसवीं तक की शिक्षा निशुल्क दी जाती है. इस पूरे कार्य में किसी भी प्रकार का सरकारी अनुदान नहीं लिया जाता है. केवल समाज के सहयोग से यह कार्य चल रहा है.

ये भी पढ़ें - Women's Day पर जेलर की अनूठी पहल, बैतूल में महिलाओं ने संभाली जेल की कमान

ये भी पढ़ें - इन महिलाओं ने खेल में दिखाया दम, लाइलाज बीमारी को मात देकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लहराया परचम