देश में महिलाओं को मिला आरक्षण पर विदिशा में पार्षद पति उड़ा रहे माखौल

देश के दिग्गज नेताओं ने दोनों सदनों (lok sabha and rajya sabha) में महिलाओं को राजनीति के क्षेत्र में सशक्त बनाने लिए महिला आरक्षण विधेयक (Women's Reservation Bill) पास कर दिया है. लेकिन वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश के विदिशा (Vidisha) में पार्षद पति इसका माखौल उड़ा रहे हैं.

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विदिशा:

Madhya Pradesh News : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में संसद का विशेष सत्र (Parliament Special Session) बुलाकर देश के दिग्गज नेताओं ने दोनों सदनों (Lok Sabha and Rajya Sabha) में महिलाओं को राजनीति के क्षेत्र में सशक्त बनाने लिए महिला आरक्षण विधेयक (Women's Reservation Bill) पास कर दिया है. जहां एक ओर देश के नीति निर्माता इसे ऐतिहासिक कदम बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश के विदिशा (Vidisha) में पार्षद पति इसका माखौल उड़ा रहे हैं.

पहले जानिए क्या है मामला? 

विदिशा जिले की सिरोंज नगर पालिका परिषद (Sironj Nagar Palika Parishad) में कुल 21 वार्ड हैं, जिसमें से 12 महिला पार्षद हैं यानी 50 फीसदी सीटों पर महिलाएं काबिज हैं. कल 21 सितंबर गुरूवार को यहां एक सम्मेलन था, जिसमें 12 में से 7 महिला पार्षद उपस्थित थी जबकि 5 गैर हाजिर रहीं. यहां 15 मिनट तक सवाल-जवाब हुए, लेकिन इस दौरान पूरे वक्त उनके पति यानी पार्षद पति ही बोलते रहे.

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सिरोंज नगर पालिका परिषद की एक बैठक में कुछ इस तरह से बैठी रहीं महिला पार्षद

यह बड़ी ही विडंबना की बात है कि संसद ने महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए बिल पास कर दिया है, लेकिन जिस नगर पालिका परिषद में 50 फीसद महिलाएं हैं, वहां उन्हें बोलने का मौका नहीं मिल रहा है.

जब यहां पर मौजूद कुछ महिला पार्षदों से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बचाव करते हुए कहा कि वहां शोर बहुत ज्यादा था इसलिये हम नहीं बोल पाए. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि नगर पालिका परिषद की बैठक में पार्षदों के पति किस हैसियत से बैठे थे. 

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अब एक नजर मध्यप्रदेश की राजनीति में महिलाओं की स्थिति पर

देश की राजनीति में आधी आबादी को 33 फीसद भागीदारी दिलाने वाला बिल पास हो गया है, इस कानून के लागू होते ही मध्य प्रदेश की 230 सीटों वाली विधानसभा में भी 76 महिला विधायक बैठ सकती हैं. बता दें कि मध्यप्रदेश में कुल 5.52 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें से 2.67 करोड़ महिला मतदाता हैं. वहीं 230 सदस्यों वाली विधानसभा में महिला विधायकों (women MLAs) की बात करें तो इस समय विधान सभा में 21 विधायक महिला हैं यानी  कुल विधायकों की तुलना में इनका प्रतिशत 10 प्रतिशत से भी कम है. इन 21 महिलए एमएलए में से 11 बीजेपी (BJP) से हैं जबकि 10 कांग्रेस की ओर से हैं. वहीं बहुजन समाज पार्टी की एक महिला विधायक.हैं.

मध्यप्रदेश में पिछले 3 विधानसभा चुनावों से बीजेपी 10 प्रतिशत, तो कांग्रेस 12 प्रतिशत महिलाओं को टिकट दे रही है.

बीजेपी ने 2008 में 23 महिलाओं को विधानसभा में टिकट दी थी जिनमें से 15 उम्मीदवार जीतकर आयी थीं. 2013 में BJP ने फिर से 23 महिलाओं को टिकट दी, जिसमें से 17 जीतीं. लेकिन 2018 में बीजेपी की ओर से 24 में सिर्फ 11 महिलाएं चुनकर आईं. वहीं कांग्रेस की बात करें तो पार्टी ने 2008 में 28 महिलाओं को टिकट दी थी, जिसमें से 6 जीतीं,  2013 में 23 को टिकट दी तब भी 6 जीतीं और 2018 में कांग्रेस ने 28 महिलाओं को टिकट दी थी जिसमें से 9 जीतकर विधानसभा पहुंचीं.

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