Chhindwara News: छिंदवाड़ा में महिला ने एक साथ 4 बच्चों को दिया जन्म, चमत्कारिक रूप से सभी नवजात हैं सुरक्षित

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के जुन्नारदेव स्वास्थ्य केंद्र में एक महिला ने तीन बेटियां और एक बेटा सहित चार स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया. दरअसल, प्रसव पूरी तरह सुरक्षित रहा. इस दौरान महिला और बच्चों में से किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.

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मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित जुन्नारदेव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सोमवार को एक बड़ा चमत्कार हुआ. ग्राम रोरा ढेकनी माल निवासी 28 वर्षीय गर्भवती महिला कुन्नू इवनाती ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया. इनमें तीन बेटियां और एक बेटा है. प्रसव के बाद महिला कुन्नू इवनाती और बच्चे सभी पूरी तरह स्वस्थ हैं. उन्हें बेहतर देखभाल के लिए जिला अस्पताल छिंदवाड़ा रेफर कर दिया गया है.

जानकारी के अनुसार, रविवार को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर महिला को परिजन तत्काल जुन्नारदेव सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे. महिला की हालत और संभावित जटिलता को देखते हुए डॉक्टरों ने विशेष तैयारी के साथ प्रसव कराया. कित्सकीय टीम की सतर्कता और कुशल प्रबंधन के चलते प्रसव सफल रहा. चार बच्चों के एक साथ जन्म लेने की सूचना मिलते ही अस्पताल में हलचल मच गई. चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ के लिए यह मामला चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि मल्टीपल बर्थ में नवजातों को श्वसन, तापमान और पोषण से जुड़ी जटिलताओं का खतरा अधिक रहता है.

बहुत ही रेयर है 4 बच्चों का जन्म

मेडिकल साइंस में चार बच्चों के एक साथ जन्म लेने को बेहद दुर्लभ माना जाता है. दो और तीन बच्चों के मामले में अक्सर सामने आते रहते हैं, लेकिन एक साथ चार बच्चों का जन्म रेयर होता है. मेडिकल जर्नल के मुताबिक करीब 7 लाख प्रसव केस में ऐसा एकाध मामला सामने आता है. यानी एक साथ चार बच्चों का जन्म बहुत कम होता है. मेडिकल साइंस में इसे क्वाड्रप्लेट्स कहा जाता है.

बच्चों का वजन 1.8 से 2.2 किलो के बीच है

ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. सुरेश नागवंशी के अनुसार नवजात बच्चों का वजन अपेक्षाकृत कम होने के कारण एहतियातन सभी को बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया है. मां और बच्चों की स्थिति फिलहाल स्थिर है. उन्होंने बताया बच्चों का वजन 1.8 से 2.2 किलो है.

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वहीं, प्रसव कराने वाली नर्स पूजा सोनी ने बताया कि महिला  को पहले से विशेष निगरानी में रखा गया था. प्रसव के दौरान सभी आवश्यक सावधानियां बरती गईं और नवजातों को तत्काल विशेष इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया.

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