जिस जंगल में गूंजती है तेंदुए की दहाड़, वहां लिया बच्चे ने जन्म... एंबुलेंस से अस्पताल जा रही थी प्रसूता

जिले के नरवर-सतनवाड़ा के बीच पड़ने वाले घनघोर जंगल के बीच 108 एंबुलेंस में एक प्रसूता ने बच्चे को जन्म दिया. जन्म के बाद बच्चे और प्रसूता को स्वस्थ हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां वे दोनों स्वस्थ हैं.

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महिला ने घने जंगल में दिया बच्चे को जन्म

शिवपुरी : कहते हैं जन्म और मरण दोनों ईश्वर के हाथ में होते हैं और किसका जन्म कहां, कैसे, कब होगा यह सिर्फ विधाता ही जानता है. इसका जीता जागता उदाहरण मिला है शिवपुरी में, जहां प्रसूता को प्रसव के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था लेकिन विधाता को बच्चे का जन्म अस्पताल में नहीं बल्कि जंगल में मंजूर था. यही वजह थी कि रास्ते में ही प्रसव पीड़ा उठी और तात्कालिक रूप से एंबुलेंस में ही बच्चे का प्रसव कराया गया. यह घटना नरवर से सतनवाड़ा के जंगलों से गुजरने वाली सड़क पर सामने आई.

जानकारी के अनुसार जिले के नरवर-सतनवाड़ा के बीच पड़ने वाले घनघोर जंगल के बीच 108 एंबुलेंस में एक प्रसूता ने बच्चे को जन्म दिया. जन्म के बाद बच्चे और प्रसूता को स्वस्थ हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां वे दोनों स्वस्थ हैं और मेडिकल देखभाल में हैं. दरअसल एक प्रसूता को नरवर स्वास्थ्य केंद्र से शिवपुरी जिला अस्पताल प्रसव के लिए ले जाया जा रहा था. वह अस्पताल पहुंचती उससे पहले ही उसे तेज प्रसव पीड़ा उठने लगी जिसके चलते टीएमटी ने एंबुलेंस में ही महिला का प्रसव करा दिया. इसके बाद जच्चा और बच्चा दोनों को अस्पताल में सुरक्षित भर्ती करा दिया गया जहां उनका उपचार चल रहा है और बच्चा और उसकी मां दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं.

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पत्नी की हालत देख अटकी पति की सांसें
क्षेत्र के दावर अली गांव की रहने वाली 24 वर्षीय प्रसूता आशा पाल को उसके परिवार वालों ने प्रसव के लिए ठीक समय से नरवर स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करा दिया था. लेकिन किसी कारण से नरवर स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षित प्रसव ना हो पाने के चलते उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया. उसे अस्पताल लाया जा रहा था. इस दौरान उसके साथ 108 एंबुलेंस में टीएमटी संजीव तोमर और एंबुलेंस का चालक मौजूद थे. साथ में महिला आशा के पति बृजपाल भी साथ थे. उनकी सांसें उस वक्त अटक गईं जब रास्ते में झरना क्षेत्र के घने जंगलों से थोड़ी दूर पत्नी को एंबुलेंस में ही तेज प्रसव पीड़ा होने लगी. टीएमटी ने गाड़ी रुकवाई और मजबूरी में उन्होंने रास्ते में ही महिला का प्रसव एंबुलेंस में ही करा दिया. इसके बाद जच्चा और बच्चा दोनों को स्वस्थ हालत में जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया जहां पहुंचने के बाद बृजपाल की सांस में सांस आई. उन्होंने टीएमटी संजीव तोमर के साथ ड्राइवर को धन्यवाद दिया. 

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 जहां गरजती है तेंदुए की दहाड़
 

यह क्षेत्र पूरी तरह से जंगलों से घिरा है और इस जंगल में तेंदुए का राज है. अक्सर इस क्षेत्र में न केवल उसकी दहाड़ें सुनी जाती हैं बल्कि उसे रास्ता पार करते दिन और रात में कभी भी आसानी से देखा जा सकता है.

ऐसे में इस बच्चे की किलकारी ने जंगल में जैसे खुद तेंदुए की दहाड़ को चुनौती दी हो और अपनी मौजूदगी का एहसास कराया हो. इसी तरह की स्थिति एक बार पहले भी बन चुकी है जहां ग्राम कोटा के पास झांसी शिवपुरी मार्ग पर महिला को एंबुलेंस में ही तेज प्रसव पीड़ा हुई थी. गर्भवती महिला को एंबुलेंस में ही टीएमटी ने प्रसव कराने के बाद सुरक्षित अस्पताल में पहुंचाया था.

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