Assembly Winter Sessions: मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार यानी 16 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है. इस सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने कुल 1766 सवाल लगाए हैं. साथ ही 200 ध्यानाकर्षण सूचनाएं और 14 अशासकीय संकल्प विधायकों द्वारा प्रस्तुत किए गए हैं.
इस बार केवल 143 विधायकों ने सवाल लगाए हैं, जबकि पिछले मानसून सत्र में यह संख्या 163 थी. इसके अलावा, शीतकालीन सत्र में कुल आठ विधेयक पेश किए जाएंगे.
विपक्ष के इन मुद्दों की रहेगी गूंज
सत्र के दौरान कांग्रेस काफी आक्रामक दिख सकती है. पार्टी ने भी से इसकी तैयारी शुरू कर दी है. कांग्रेस पार्टी की ओर से सत्र के दौरान कई अहम मुद्दों को उठाने की तैयारी की है.इनमें से प्रमुख है खाद संकट और ड्रग्स तस्करी. इन विषयों पर कांग्रेस सरकार पार्टी को सरकार को घेरने की कोशिश करेगी. साथी ही पार्टी ने कानून व्यवस्था का मुद्दा भी उठाने का फैसला किया है. यानी सत्र के दौरान कांग्रेस के नेता राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते नजर आएंगे. इसके अलावा, सीएम की विदेश यात्रा का मुद्दा भी उठाएंगी. कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री की विदेश यात्रा और निवेशकों के प्रस्तावों पर सरकार से श्वेत पत्र की मांग कर सकती है. भ्रष्टाचार का मामला भी सदन में गूंजने के आसार है. दरअसल, विपक्ष, लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में दर्ज 274 भ्रष्टाचार के मामलों में अभियोजन की मंजूरी न दिए जाने का मुद्दा प्रमुखता से उठाने की पूरी तैयारी कर चुका है.
विधानसभा घेरने की तैयारी में कांग्रेस
कांग्रेस ने सत्र के पहले दिन प्रदेश सरकार के विरोध में विधानसभा घेरने की योजना बनाई है. पार्टी का कहना है कि सरकार की नीतियों और निर्णयों से जनता परेशान है और इन विषयों पर सत्र के दौरान चर्चा होनी चाहिए.
भाजपा विधायक दल की बैठक
शीतकालीन सत्र से पहले मुख्यमंत्री आवास पर भाजपा विधायक दल की बैठक आयोजित होगी. यह बैठक शाम 7:00 बजे शुरू होगी, जिसमें भाजपा के सभी विधायक शामिल होंगे.
सुशासन और जनकल्याण पर्व पर सवाल
राज्य सरकार ने सुशासन पर्व और जनकल्याण पर्व मनाने की घोषणा की है, लेकिन विपक्ष इसे लेकर भी सवाल उठाएगा. विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई नहीं की है. लिहाजा, सरकार से इस मामले में पूरा जवाब मांगा जाएगा.
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आशा है कि मध्य प्रदेश विधानसभा का यह शीतकालीन सत्र कई राजनीतिक उठापटक और अहम मुद्दों पर चर्चा का गवाह बनेगा. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस की संभावना है, जिससे प्रदेश की राजनीति गरमाने के आसार हैं.
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