Wildlife Week 2025: वन्यजीव सप्ताह का शुभारंभ; CM मोहन ने कहा- MP में वन्यजीवों के साथ ही वनों का भी संरक्षण

National Wildlife Week: वन्यप्राणी सप्ताह के शुभारंभ अवसर पर वन विहार में भ्रमण हेतु 40 ई-व्हीकल्स का लोकार्पण किया. इस अवसर पर वन-पर्यटन विभाग से जुड़ी समितियों को लाभांश वितरित किया गया तथा उत्कृष्ट कार्य के लिए विभागीय अधिकारियों को सम्मानित किया गया.

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Wildlife Week 2025: वन्यजीव सप्ताह का शुभारंभ; CM मोहन ने कहा- MP में वन्यजीवों के साथ ही वनों का भी संरक्षण

Wildlife Week 2025: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज वन विहार, भोपाल में राज्य स्तरीय वन्यजीव सप्ताह का शुभारंभ कर ई-व्हीकल्स का लोकार्पण किया. साथ ही 636 इको विकास समितियों को ₹18 करोड़ 74 लाख से ज्यादा की लाभांश राशि वितरित की एवं उत्कृष्ट कार्य के लिए विभागीय अधिकारियों को पुरस्कृत किया. सीएम मोहन यादव ने कहा कि "वन्यप्राणियों की सुरक्षा एवं संवर्धन के लिए राज्य सरकार ज़ू एवं रेस्क्यू सेंटर निर्माण की नीति पर कार्य कर रही है. इंदौर, भोपाल और ग्वालियर की तरह अब जबलपुर एवं उज्जैन में भी ज़ू स्थापित किए जाएंगे. साथ ही प्रदेश के सभी टाइगर रिज़र्व में रेस्क्यू सेंटर की स्थापना की जाएगी.

वन विहार से मिली सौगातें

वन्यप्राणी सप्ताह के शुभारंभ अवसर पर वन विहार में भ्रमण हेतु 40 ई-व्हीकल्स का लोकार्पण किया. इस अवसर पर वन-पर्यटन विभाग से जुड़ी समितियों को लाभांश वितरित किया गया तथा उत्कृष्ट कार्य के लिए विभागीय अधिकारियों को सम्मानित किया गया. सीएम ने कहा कि "जलजीवों को बढ़ावा देने के लिए शीघ्र ही मां नर्मदा की मूलधारा एवं सहायक तवा नदी में मगरमच्छ छोड़े जाएंगे. यह बदलते दौर का मध्यप्रदेश है. प्रदेश में चीतों का परिवार फल-फूल रहा है, साथ ही यहां बेहतर ईको सिस्टम बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है. दलते दौर के साथ प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण को नई दिशा मिल रही है. उज्जैन और जबलपुर में दो नए जू का निर्माण हो रहा है. प्रदेश की वन संपदा और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए लगातार सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं.

सीएम ने कहा कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम सब ने देखा कि बदलते दौर का मध्यप्रदेश  में एशिया से गायब होने वाले चीते का परिवार 2022 से फल-फूल रहा है. गिद्धों के संरक्षण को लेकर भोपाल द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना हुई. नर्मदा और तवा में मगरमच्छ भी छोड़े जाएंगे. मध्यप्रदेश वन विभाग कई प्रकार से विचार कर रहा है. जल, थल और नभ में हर जगह इको सिस्टम बनाने का प्रयास किया है. वन विभाग को खुद के संसाधनों के बलबूते पर्यावरण के प्रति संवेदनशील भावना जताने के लिए बधाई. 636 इको विकास समितियों को वन विकास निगम के द्वारा ये जो धनराशि का वितरण हुआ."

उन्होंने आगे कहा कि "18 करोड़ 74 लाख से ज्यादा की लाभांश की राशि मिली है. प्रदेश में 11 राष्ट्रीय उद्यान, 26 वन्यजीव अभ्यारण्य, 9 टाइगर रिजर्व और 1 कंजर्वेशन रिजर्व , समय के साथ विभाग अलग अलग अपनी गति बढ़ाता जा रहा है. प्रदेश का 30% हिस्सा वन आच्छादित है. चीता मित्र, हाथी मित्र, ताप्ती कंजर्वेशन रिजर्व जैव विविधता संरक्षण की दिशा में ऐसे कई उल्लेखनीय प्रयास चल रहे हैं. प्रतिवर्ष हमारे यहां 27 लाख से अधिक भारतीय और विदेशी पर्यटक वाइल्ड लाइफ देखने आ रहे हैं. उज्जैन और जबलपुर में अब हमारे 2 जू और बढ़ रहे है. प्रयास है कि जितने भी हमारे टाइगर रिजर्व है उनके आस-पास रेस्क्यू सेंटर बने ताकि जंगल के आसपास का जानवर घायल हो जाए तो उसका उपचार हो सके. हम गर्व से कह सकते हैं कि मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां सभी प्रकार की वन संपदा के साथ-साथ वन्य जीवों के संरक्षण को प्राथमिकता दी जा रही है. टाइगर स्टेट में नंबर-1, लेपर्ड स्टेट में नंबर-1 सभी क्षेत्रों में हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं."

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