Water Crisis: डिंडौरी के बजाग में पानी के लिए भटक रहे ग्रामीण, बावली का दूषित पानी पीने को लोग मजबूर

Water Crisis in Bajag: बजाग तहसील मुख्यालय में नलजल योजना के लिए चार साल पहले साढ़े तीन करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई, लेकिन पीएचई का ठेकेदार आधा अधूरा काम कर गायब हो गया है. वहीं ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं.

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के डिंडौरी (Dindori) के बजाग तहसील मुख्यालय के कई मोहल्ले इस समय दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. गर्मियों में पेयजल स्त्रोत सूखने से जिले में भीषण जल संकट के हालात बने हुए हैं. इधर, बजाग तहसील मुख्यालय में संचालित पुरानी नलजल योजना पिछले डेढ़ महीने से बंद पड़ी हुई है, जिसके कारण यहां के रहवासियों को पेयजल के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं बजाग तहसील के कई मोहल्ले में लोग बावली का दूषित पानी पीकर प्यास बुझाने को मजबूर हैं.

4 साल गुजर जाने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया काम

बता दें कि साल 2020 में बजाग तहसील मुख्यालय से लगे तीन ग्राम पंचायतों में शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए पीएचई विभाग द्वारा साढ़े तीन करोड़ रुपये की लागत से नलजल योजना का काम शुरू किया गया था, जो चार साल गुजर जाने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है. नलजल योजना के नामपर एक बड़ा गड्ढा, फिल्टर का ढांचा और संपवेल का निर्माण किया गया था, जो अब कबाड़ में तब्दील होते जा रहा है.

नलजल योजना के नामपर एक बड़ा गड्ढा, फिल्टर का ढांचा और संपवेल का निर्माण कर भाग गया ठेकेदार.

पीएचई विभाग की लापरवाही: नलजल योजना के नामपर बड़ा गड्ढा  कर भाग गया ठेकेदार

आरोप है कि पीएचई विभाग के अधिकारियों द्वारा नलजल योजना में मनमानी की गई, जिसके कारण ठेकेदार काम छोड़कर भाग गया. जिसका खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

बजाग तहसील के लोग बावली का दूषित पानी पीकर प्यास बुझाने को मजबूर हैं.

हालांकि जिले में भीषण जलसंकट को देखते हुए कलेक्टर विकास मिश्रा गांव का दौरा कर रहे हैं और भीषण जल संकट का जायजा ले रहे हैं, जबकि 'जल ही जीवन है' का नारा अलापने वाले पीएचई विभाग के अधिकारी बंद कमरों में AC का लुत्फ उठाते हुए नजर आ रहे हैं.

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कलेक्टर विकास मिश्रा ने डिंडौरी जिले में स्वीकृत जल जीवन मिशन के तहत नलजल योजना में गड़बड़ी और लेटलतीफी करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्टेड करने की बात कही है. साथ ही भीषण जल संकट वाले गांवों में टैंकर के माध्यम से पानी मुहैया कराने का आश्वासन दिया है.

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