Vulture Conservation in Bhopal: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भोपाल जिला वन विभाग (Forest Department) ने गिद्ध संरक्षण (Vulture Conservation) की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है. लुप्तप्राय गिद्ध प्रजातियों को बचाने और उनके संरक्षण के लिए गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन सेंटर, केरवा भोपाल के 6 केप्टिव ब्रीडिंग गिद्धों को हलाली डैम के वन क्षेत्र में छोड़ा है. इनमें दो सफेद पीठ वाले गिद्ध और चार लंबी चोंच वाले गिद्धों को मुक्त किया गया है. विभाग का कहना है कि इससे गिद्धों की संख्या में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव शुभरंजन सेन ने बताया कि मुक्त किए गए सभी गिद्धों पर ऑर्निट्रैक-25 सोलर चलित जीपीएस-जीएसएम ट्रैकर लगाए गए हैं. इसकी मदद से उनके आवागमन के पैटर्न और आवास उपयोग की निगरानी की जा रही है.
गिद्धों के संरक्षण के लिए अहम कदम
बांटी गई है पर्चियां
सेन ने बताया कि डायरेक्टर टेक फॉर कंजर्वेशन जी. अरेन्द्रन, विश्व प्रकृति निधि भारत द्वारा गिद्धों को ऑर्निट्रैक-25 सौर ऊर्जा चलित जीपीएस-जीएसएम ट्रैकर लगाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया. हलाली डैम के आसपास की बस्तियों में टैग किए गए गिद्धों की सुरक्षा एवं जागरूकता के लिये पर्चे बांटे गये हैं. इनमें आम लोगों से अपील की गई है कि अगर गिद्ध घायल होते हैं या उन्हें कोई नुकसान पहुंचता है, तो वे तत्काल वन विभाग को सूचित करें.
स्पेशल जांच के बाद किया गया मुक्त
गिद्धों के चयन से पहले 8 अप्रैल को इनकी स्वास्थ्य जांच और मॉर्फोमेट्री की गई. शारीरिक जांच और ब्लड सैंपल की जांच में पाया गया कि सभी गिद्ध स्वस्थ एवं छोड़े जाने के लिए उपयुक्त है. इसके बाद 12 अप्रैल को गिद्धों पर ऑर्निट्रक-25 जीपीएस जीएसएम ट्रैकर लगाए गए, जो डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया ने दिए थे. इससे गिद्धों के आवागमन के पैटर्न और आवास उपयोग की निगरानी की जाएगी.
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2014 में हुई थी केंद्र की स्थापना
गिद्ध संवर्धन एवं प्रजनन केंद्र केरवा, भोपाल की स्थापना 2014 में हुई थी. इसका संचालन बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी, मुंबई के सहयोग से किया जा रहा है. इन 6 गिद्धों को उनके रहवास में छोड़ने के बाद गिद्ध संवर्धन एवं प्रजनन केंद्र में वर्तमान में 34 सफेद पीठ वाले गिद्ध और 46 लंबी चोंच वाले गिद्ध उपलब्ध हैं.
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