Virupaksha Mahadev Temple: यहां खीर के प्रसाद को ग्रहण करने से निसंतान दंपत्ति को हो जाती है संतान की प्राप्ति!

Virupaksha Mahadev Temple Prasad: रतलाम के प्राचिन विरुपाक्ष महादेव मंदिर के खीर के प्रसाद की बहुत महिमा है. यहां मान्यता है कि निसंतान दंपत्तियों को प्रसाद ग्रहण करने के बाद संतान प्राप्त हो जाती है

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विरुपाक्ष महादेव मंदिर में हुआ चमत्कारी खीर का वितरण

Ratlam News: रतलाम जिले के बिपाक स्थित विरुपाक्ष महादेव मंदिर (Virupaksha Mahadev Temple) पंचायतन शैली में निर्मित प्राचीन कालीन मंदिर है. मान्यताओं के अनुसार हर साल यहां महाशिवरात्रि (Mahashivaratari) के बाद अमावस्या पर मंदिर प्रांगण में हवन कुंड के ऊपर मटके में चावल पकाए जाते हैं. जो कि हवन कुंड की अग्नि से पकते है. बाद में उसकी खीर (Kheer Prasad) बनाकर निसंतान दंपतियों को प्रसाद के तौर पर दी जाती है. मान्यता के अनुसार गोद भरने के बाद वह अगले साल भगवान विरुपाक्ष महादेव मंदिर में अपनी संतान के साथ दर्शन करने आते हैं और मंदिर प्रांगण में उन्हें मन्नत अनुसार तोला जाता हैं.

बहुत खास है विरुपाक्ष महादेव मंदिर

रतलाम में स्थित विरुपाक्ष महादेव मंदिर परमार और चालुक्य स्थापत्य शैली के मिश्रण से बना हुआ है. धार्मिक स्थल के साथ यह एक पर्यटन स्थल भी है. मंदिर के चारों कोनों पर एक-एक लघु मंदिर निर्मित है. इस मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग स्थापित है और इसका एक स्तंभ अन्य स्तंभों से अलग है. शिवलिंग के चारों ओर मंडप में चार अलंकृत स्तंभ स्थित हैं.

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खीर को माना जाता है महाप्रसाद

हर साल महाशिवरात्रि के बाद अमावस्या के दिन बांटे जाने वाली खीर को यहां का महाप्रसाद माना जाता है. सालों से चली आ रही मान्यता के अनुसार इस खीर के प्रसाद को ग्रहण से निसंतान दंपत्ति को संतान की प्राप्ति हो जाती है.

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