MP: केंद्र सरकार की पाबंदी के बाद भी खत्म नहीं हुआ VIP कल्चर! मंत्री, विधायक से अफसर तक... गाड़ियों में लगा है हूटर

Central Government ban on VIP culture: एम्बुलेंस, फायर बिग्रेड की गाड़ियों मे, RTO, इमरजेंसी की हालत में पुलिस गाड़ियों में लगा सकती है हूटर-सायरन. जबकि अन्य वाहनों में हूटर लगाना अपराध है.

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1 मई, 2017 को केंद्र सरकार ( Central Government) ने लाल वीआईपी कल्चर यानी गाड़ियों से लाल बत्ती लगाने पर रोक लगा दी गई थी. निर्देश में कहा गया था कि कोई भी नेता, मंत्री, सांसद, विधायक या अफसर अब अपनी गाडियों में लाल बत्ती का उपयोग नहीं करेंगे. वहीं केंद्र सरकार के निर्देश के बाद वीआईपी वाहनों से लाल बत्ती तो हटा दी गई, लेकिन इसके जगह अब हूटर सायरन ने ले ली है.

प्रधानमंत्री मोदी कई बार सार्वजनिक मंचों से सभी नेताओं और अधिकारियों से वीआईपी कल्चर ख़त्म करने की अपील कर चुके हैं, लेकिन उनकी अपील का कोई ख़ास असर नहीं दिख रहा है.

गाड़ियों में लाल बत्ती की जगह अब हूटर सायरन 

7 साल गुजर जाने के बाद भी मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के में अफसर से लेकर सत्ताधारी नेता खुद कानून का उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं. सिंगरौली (Singrauli) जिले में जब NDTV की टीम ने माननीयों से सवाल किए गए तो अजीबो गरीब जवाब सामने आए. 

सिंगरौली विधानसभा सीट के BJP विधायक रामनिवास शाह ने कहा कि गांव में अनाउंसमेंट में हूटर काम आते हैं. आप कहें तो हूटर निकाल देते है, गाड़ी भी आपको दे देते है, वहीं नगर निगम सिंगरौली की महापौर रानी अग्रवाल ने पहले तो कहा कि हूटर लगाने की परमिशन है. अगर नियम नहीं है तो हूटर हटवा देंगे . 

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अफसर खुद कर रहे कानून का उलंघन 

NDTV टीम ने केबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त सिंगरौली विकास प्राधिकरण अध्यक्ष दिलीप शाह से सवाल किया कि आजकल गाड़ियों में हूटर सायरन लगाने की प्रथा चलन में है तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है. आप देखें होंगे कि मुख्यमंत्री के गाड़ी में हूटर नहीं लगा हुआ है.

NDTV के रिपोर्टर देवेंद्र पाण्डेय ने सवाल किया कि जब मुख्यमंत्री के गाड़ी में हूटर नहीं लगा है तो फिर आप अपनी गाड़ी में हूटर लगा कर क्यों चल रहें है?  इस पर नेताजी ने मुस्कुराते हुए कहा कि हूटर का उपयोग हम अनाउंसमेंट के लिए करते हैं. अगर नियम में नहीं है तो हटा लेंगे.

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ऐसा नहीं है कि हूटर बजाने में सिर्फ मंत्री विधायक या छुटभैये नेताजी ही आगे हैं. जिले के अफसर, कर्मचारी भी हूटर परंपरा में बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं. एक तहसीलदार से लेकर कलेक्टर तक की गाड़ियों में हूटर लगा हुआ है. इस बारे में जब एनडीटीवी की टीम ने अफसरों से सवाल किया कि आप की गाड़ी में हूटर लगाने की अनुमति किसने दिया? हूटर क्यों लगाया है?

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इन सवालों के बाद अफसर भागते नजर आए और कैमरे के सामने बोलने से साफ इंकार कर दिया. वहीं जिन अफसरों के कंधों पर कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी मिली है वो खुद ही कानून का उलंघन करते नजर आए. 

किन किन वाहनों को हूटर लगाने की मिली है छूट

  1. एम्बुलेंस और फायर बिग्रेड की गाड़ियों में लगा सकते है हूटर-सायरन.

  2. RTO और एम्बुलेंस में लगाने की है अनुमति.

  3. इमरजेंसी की हालत में पुलिस भी सायरन बजा सकती है. 

इसके अलावा किसी अन्य वाहन में हूटर लगाना अपराध है. वहीं कानून का उलंघन करने वालों पर 5 से 10 हजार तक जुर्माने की सजा का भी प्रावधान है. 

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