एमपी में सड़क का संघर्ष: कंधे पर मरीज ढोने को विवश ग्रामीण, बरसात के मौसम में समस्या से घिर जाता है गांव

Madhya Pradesh Road Connectivity: मध्य प्रदेश के नवगठित मैहर जिले के ग्राम पंचायत बंशीपुर में सड़क की समस्या पिछले 60 साल से बनी हुई है. ग्रामीणों का आरोप है कि नेताओं से कई बार गुहार लगाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है.

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मध्य प्रदेश के नवगठित मैहर जिले के ग्राम पंचायत बंशीपुर के ग्रामीण आज भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित हैं. दशकों बाद भी गांव तक वाहन योग्य सड़क न पहुंचने के कारण यहां के लोग गंभीर परेशानियों का सामना कर रहे हैं. हाल ही में इसका ज्वलंत उदाहरण सामने आया जब गांव के दीनदयाल पाल (42 वर्ष) की अचानक तबीयत बिगड़ गई और परिजनों को उन्हें चारपाई पर उठाकर कीचड़ भरे रास्तों से करीब दो किलोमीटर पैदल ले जाना पड़ा. इसके बाद ही निजी वाहन से उन्हें मैहर अस्पताल पहुंचाया जा सका.

ग्रामीणों ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिसने सरकारी दावों की पोल खोल दी और मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने ला दी.

ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है. गर्भवती महिलाओं से लेकर स्कूली बच्चों तक को बरसात के मौसम में इसी तरह की जद्दोजहद झेलनी पड़ती है. समय पर इलाज न मिलने से कई बार मरीजों की मौत भी हो चुकी है.

क्या बोले ग्रामीण

कुशुमबाई पाल (ग्रामीण) का कहना है कि गांव की सड़क की समस्या पिछले 60 साल से बनी हुई है नेताओं से कई बार गुहार लगाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई. आशीष यादव (ग्रामीण) ने कहा कि कल जो हुआ वह कोई पहली बार नहीं है। हमें हमेशा मरीजों को पालकी पर ही सड़क तक पहुंचाना पड़ता है. चुनाव आते हैं वादे होते हैं लेकिन बाद में सब भूल जाते हैं.

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वहीं, बीमार दीनदयाल के भाई अनिल पाल ने कहा कि अगर गांव तक सड़क होती तो मेरे भाई को समय पर इलाज मिल पाता. इस स्थिति ने हम सबकों मजबूर कर दिया है. ग्रामीणों का आरोप है कि अब तो हालात इतने खराब हो गए हैं कि गांव के भीतर कोई वाहन चालक आने को तैयार नहीं होता. लोगों की मांग है कि सरकार तुरंत सड़क निर्माण कर उन्हें इस दशकों पुरानी समस्या से निजात दिलाए.

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