Vijay Shah Controversy: विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद उमंग सिंघार बोले- कृत्य माफी योग्य नहीं

Vijay Shah News: मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट ने विवादित बयान देने के मामले में फटकार लगाई है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है और कहा है कि विजय शाह का कृत्य माफी योग्य नहीं है.

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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह (Vijay Shah) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी विवादित बयान देने को लेकर फटकार लगाई है. वहीं, अब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार (Umang Singhar) ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. उन्होंने कहा कि विजय शाह का कृत्य माफी योग्य नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने आज यह बात कही है. उन्होंने कहा कि पूरा देश और प्रदेश भी यही कह रह है. उन्होंने कहा कि सरकार को तत्काल विजय शाह से इस्तीफा लेना चाहिए.

उमंग सिंघार का कहना है कि भाजपा (BJP) अपने अन्य विधायकों और कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी करती है, लेकिन इतने दिन बीत जाने पर भी विजय शाह पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. राज्यपाल महामहिम हैं, लेकिन वह कुछ नहीं बोलते. अगर कोई आम व्यक्ति ऐसा कृत्य करता तो उसके ऊपर इतने केस बन जाते कि वह अपनी अभिव्यक्ति दोबारा नहीं कर सकता.

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भाजपा नहीं कर रही कोई कार्रवाई

उमंग सिंघार ने एक्स पर पोस्ट किया, मैं सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करता हूं. सुप्रीम कोर्ट ने भी शाह के बयान को 'अयोग्य' मानकर अपने फैसले सुनाए, मगर भाजपा अब भी इसे 'योग्य' मानती है और तभी अब तक मौन है. पूरा देश इस बयान की निंदा कर रहा है, लेकिन भाजपा फिर भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही.

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अदालत ने SIT के गठन के निर्देश दिए, जिसमें एक महिला IPS अधिकारी होगी. खास बात यह कि इस SIT में तीनों IPS अधिकारी MP से बाहर के होंगे. इससे स्पष्ट है कि अदालत को MP सरकार पर भरोसा नहीं है. राज्य सरकार अपने मंत्री विजय शाह को बचाने की जो भी जुगत लगा रही थी, अब वो तरकीब भी फेल हो गई.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप जब बोलते हैं तो शब्दों पर ध्यान रखें. कई बार लोग मगरमच्छ के आंसू वाली माफी भी मांगते हैं. हालांकि, इस मामले में गिरफ्तारी से उन्हें राहत मिली है. मामले की जांच एसआईटी से कराने के भी निर्देश दिए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने SIT से 28 मई तक स्टेटस रिपोर्ट  मांगी है.  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंत्री के बयान से पूरा देश शर्मसार है. मंत्री को उचित माफी मांगकर या माफी के साथ खेद व्यक्त करके खुद को सही साबित करना चाहिए था.

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