विदिशा में नकली कीटनाशक का कहर: चिरखेड़ा के किसानों की फसलें जलीं, कंपनी पर मामला दर्ज

MP News: विदिशा में नकली कीटनाशक का कहर देखने को मिल रहा है. यहां के चिरखेड़ा के किसानों की फसलें जल गईं. इसके बाद कंपनी पर मामला दर्ज कर लिया गया है. 

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Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश का विदिशा जिला इन दिनों एक गंभीर कृषि संकट का सामना कर रहा है. जिले की चिरखेड़ा ग्राम पंचायत के किसान उस समय सकते में आ गए, जब कीटनाशक के छिड़काव के बाद उनकी फसलें हरी-भरी होने के बजाए जलकर बर्बाद हो गईं. जिन खेतों में लहलहाती फसलें खड़ी थीं, अब वहां सिर्फ काली मिट्टी और किसानों की बदहाली दिखाई दे रही है.

किसानों की मेहनत राख में बदली

चिरखेड़ा के किसानों ने बताया कि उन्होंने जिस कीटनाशक का छिड़काव किया, वह कीटों को खत्म करने के बजाय पूरी फसल के लिए ज़हर साबित हुआ. धान और सोयाबीन जैसी फसलें कुछ ही दिनों में सूखकर खेतों में गिर गईं. किसानों का कहना है कि उन्होंने बाजार से दवा खरीदते समय विश्वास किया था कि यह उनकी फसल को बचाएगी, लेकिन वही दवा उनकी बर्बादी का कारण बन गई.

गांव के किसान बताते हैं कि इस घटना ने न सिर्फ उनका सालभर का पसीना बर्बाद कर दिया है, बल्कि कर्ज और रोज़ी-रोटी का संकट भी गहरा दिया है. कई किसानों का कहना है कि अब उनके पास आने वाली बुवाई या परिवार के खर्च चलाने के लिए भी साधन नहीं बचे हैं.

विरोध और जांच के आदेश

जैसे ही फसलें बर्बाद हुईं, किसानों ने प्रशासन से गुहार लगाई और विरोध दर्ज कराया. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तत्काल जांच के आदेश जारी किए. मंत्री ने कहा कि किसानों के साथ अन्याय किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी.

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पुलिस ने दर्ज किया मामला

जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि कीटनाशक नकली था और यही फसलों की बर्बादी का कारण बना. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशांत चौबे ने बताया कि सिविल लाइन थाने में कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है.

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशांत चौबे ने कहा कि किसानों की शिकायत पर जांच की गई तो यह साफ हो गया कि कीटनाशक नकली था, जिससे फसलें जलकर नष्ट हो गईं. इस मामले में सिविल लाइन थाने में कंपनी के अधिकारियों पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया गया है और बहुत जल्द उनकी गिरफ्तारी भी की जाएगी.

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किसानों की उम्मीद और भविष्य की चिंता

इस कार्रवाई के बाद किसानों को उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा और उनकी बर्बाद हुई फसलों का मुआवज़ा भी तय होगा. हालांकि, इस घटना ने किसानों की पीड़ा को और गहरा कर दिया है. किसानों का कहना है कि वे चाहते हैं कि प्रशासन सिर्फ दोषियों की गिरफ्तारी तक सीमित न रहे, बल्कि नकली कीटनाशक बनाने और बेचने वाले पूरे नेटवर्क पर शिकंजा कसे. 

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