Terror of stray dogs: मध्य प्रदेश में आवारा कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब विदिशा भी इससे अछूता नहीं है. विदिशा में आवारा कुत्तों के काटने के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. मार्च के महीने के 19 दिनों में ही करीब 150 लोग कुत्तों का शिकार हो चुके हैं. हैरानी की बात यह है कि विदिशा जिला अस्पताल में रेबीज के इंजेक्शन भी उपलब्ध नहीं हैं, जिससे मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है.
एक ही दिन में 25 लोगों पर हमला
केवल विदिशा ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है. ये आवारा कुत्ते कभी मासूम बच्चों को अपना शिकार बनाते हैं, तो कभी अकेले घूम रहे लोगों पर हमला कर देते हैं. भोपाल और विदिशा में भी कई मासूम बच्चे इन हमलों का शिकार हो चुके हैं.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए आवारा कुत्तों के खिलाफ मुहिम चलाने का ऐलान किया था, लेकिन यह मुहिम भी कुछ ही दिनों में ठंडी पड़ गई. अफसरशाही की लापरवाही और मामले को गंभीरता से ना लेने की वजह से कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है.
विदिशा नगर पालिका में प्रशासन भी इस मामले में ढीला नजर आ रहा है. नगर पालिका का कहना है कि उन्होंने पहले कुत्तों की नसबंदी करवाई थी और अब एक बार फिर नसबंदी अभियान चलाया जाएगा. नगर प्रभारी दुर्गेश ठाकुर ने कहा कि हमने पहले भी कुत्तों की नसबंदी करवाई थी. अब फिर से नसबंदी अभियान चलाया जाएगा, ताकि आवारा कुत्तों की समस्या पर काबू पाया जा सके. डॉक्टर नारायण सिंह ने कहा कि अस्पताल में रेबीज इंजेक्शन की कमी है, जिससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. हम जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करने की कोशिश कर रहे हैं.
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