101 जैन मंदिरों में चोरी की खाई कसम ! 79 में सफल भी हो गया...जानिए विदिशा के अजीब चोर को

जैन मंदिरों में चोरी करने वाले विदिशा के चोर नीलेश राजपूत की कहानी बड़ी दिलचस्प है. इस रिपोर्ट में पढ़िए 101 जैन मंदिरों में चोरी करने की कसम खाने वाला नीलेश कैसे चढ़ा पुलिस के हत्थे और क्यों उसने ये अजीब कसम खाई थी?

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Jain temple thief: मध्यप्रदेश के विदिशा में एक अजीब चोर पकड़ में आया है. नाम है- नीलेश राजपूत उर्फ नीलू और उम्र है 40 वर्ष...खास बात ये है कि वो सिर्फ जैन मंदिरों में चोरी करता है और वो भी बस एक कसम को पूरा करने के लिए . चौंकिए नहीं उसने 101 जैन मंदिरों में चोरी करने का प्रण लिया था लेकिन उसका ये प्रण पूरा हो पाता उससे पहले ही पुलिस ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. वैसे वो अब तक 79 मंदिरों में चोरी कर चुका है. उसकी गिरफ्तारी से मध्यप्रदेश ही नहीं राजस्थान, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र तक की पुलिस ने राहत की सांस ली है. क्या है पूरा माजरा पढ़िए इस रिपोर्ट में 

भाई की खुदकुशी के बाद ऐसे बना चोर

दरअसल रविवार की रात को विदिशा के गांधी चौक स्थित आदिनाथ जैन मंदिर से चांदी के 30 और पीतल के 5 छत्र चोरी हो गए थे.  इसी जांच के दौरान पुलिस ने सागर जिले के जैसीनगर के पास औरैया गांव से नीलेश राजपूत को गिरफ्तार किया. पुलिसिया पूछताछ के बाद जो कहानी सामने आई वो चौंकाती है. नीलेश के मुताबिक वो चार भाई थे.

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कुछ सालों पहले उसके एक भाई पर जैन मंदिर में चोरी का झूठा केस लगा. इसमें जब तक कुछ फैसला हो पाता उससे पहले ही उसके भाई ने खुदकुशी कर ली. इस पूरी घटना से नीलेश काफी दुखी हुआ और उसने कसम खाई कि वो अब 101 जैन मंदिरों में चोरी करेगा.

तभी से वह सिर्फ जैन मंदिरों को ही अपना निशाना बना रहा था. तभी उसके अपराधिक वारदातों ने कई जिलों की पुलिस की नींद उड़ा रखी थी. 

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बड़ी सफाई से चोरी करता था नीलेश

नीलेश उर्फ नीले किसी भी मंदिर में कोई तोड़फोड़ नहीं करता न ही उसके पास कोई हथियार होता और ना ही वो कोई शोर ही मचाता था. वो बड़े ही सुनियोजित ढंग से चोरी करता. चोरी करने से पहले मंदिर में दर्शन के बहाने जाता था. भगवान की मूर्ति के सामने सिर झुकाता, दानपेटी में सिक्का डालता और अंदाजा लगाता कि वहां कितना माल रखा है. फिर मौका देखकर सामान चुरा लेता था. वह पहले भी त्योंदा, घटेरा, सिरनोटा और उदयपुर जैसे कई गांवों के मंदिरों में चोरी कर चुका है. इसके अलावा वो हर मूर्तियों को ध्यान से उठाता, बिना कोई निशान छोड़े. नीलेश दिरों की बनावट, वहां की व्यवस्थाओं, पुजारियों की दिनचर्या, CCTV के एंगल और यहां तक कि मूर्तियों की कीमत तक से अच्छी तरह वाकिफ था.    

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40 बीघा जमीन है नीलेश के परिवार के पास

पुलिस अधीक्षक रोहित कासवानी के मुताबिक-वो कोई सामान्य चोर नहीं था. उसे मंदिरों की व्यवस्था, समय, प्रवेश और मूर्ति के स्थान तक की गहराई से जानकारी थी. उसके द्वारा हर चोरी एक योजना के तहत की गई थी. कई महीनों की सतर्कता, स्थानीय मुखबिरों की मदद, और तकनीकी निगरानी के बाद ही पुलिस उस तक पहुंच पाई. नीलू की गिरफ्तारी के साथ ही 39 मामलों में उसकी संलिप्तता साबित हुई है. पुलिस के मुताबिक नीलेश के घर की हालत खराब नहीं है. उसके परिवार के पास 40 बीघा खेती की जमीन है और उसका एक भाई गांव का सरपंच भी रह चुका है. इसके बावजूद वह चोरी की राह पर निकल पड़ा और उसे अपनी कसम की चादर ओढ़ा दी. 

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