NSD गोल्ड मेडलिस्ट, MPSD के पूर्व डायरेक्टर और रंगमंच के दिग्गज कलाकार आलोक चटर्जी का निधन

Alok Chatterjee Death News: कुछ किए बिना जयजयकार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, अपने कर्तव्य के प्रति ज़िद्द जुनून ,आत्मविश्वास, ही हमें बनाता है एक अजय योद्धा. कुछ ऐसे ही विचार आलोक चटर्जी के थे.

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Alok Chatterjee Death: रंगमंच के दिग्गज अभिनेता (Veteran Theater Actor), नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) के गोल्ड मेडलिस्ट (Gold Medlist) और मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय (MPSD) के पूर्व निदेशक आलोक चटर्जी का आज तड़के निधन हो गया. ये जानकारी सिग्मा उपाध्याय ने अपनी फेसबुक पोस्ट के जरिए दी है. सिग्मा ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि अत्यंत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि देश के दिग्गज रंगकर्मी और अभिनय गुरु आलोक चटर्जी सर अब हमारे बीच नहीं रहे. रात 3 बजे अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांसें ली. उन्होंने यह भी लिखा कि निधन की पुष्टि आलोक चटर्जी की पत्नी शोभा चटर्जी ने भी की है. बताया जा रहा है कि आलोक चटर्जी लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे. उनके शरीर में इन्फेक्शन फैल गया था. इसके अलावा उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिसकी वजह से उनका निधन हो गया.

इन नाटकों के लिए याद किए जाएंगे आलोक दा

मध्य प्रदेश के दमोह में रहने वाले जाने-माने रंगकर्मी आलोक चटर्जी ने कई मशहूर नाटकों में हिस्सा लिया. विलियम शेक्सपियर के नाटक 'ए मिड समर नाइट्स ड्रीम' का निर्देशन उन्होंने ही किया था. इसके अलावा आर्थर मिलर के नाटक 'डेथ ऑफ सेल्समैन' का निर्देशन करने साथ ही उसमें अभिनय भी किया था. विष्णु वामन शिरवाडकर का मशहूर नाटक 'नट सम्राट' में उनका अभिनय काफी सराहनीय रहा, वहीं 'शकुंतला की अंगूठी', 'स्वामी विवेकानंद', और 'अनकहे अफसाने' उनके प्रमुख नाटकों में शामिल हैं.

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दमोह में जन्में चटर्जी अभिनेता ओमपुरी के बाद दूसरे ऐसे कलाकार हैं, जिन्हें एनएसडी से गोल्डमेडलिस्ट से सम्मानित किया गया था. दमोह में कक्षा 8 वीं तक पढ़ाई करने के बाद चटर्जी जबलपुर चले गए और वहां से भोपाल में शिफ्ट हो गए थे उसके बाद में नई दिल्ली से एनएसडी की ड्रिगी प्राप्त की थी. वह प्रसिद्ध अभिनेता इरफान खान के क्लासमेट रहे हैं.

एक इंटरव्यू के दौरान आलोक दा ने कहा था कि मैं रंगकर्मी बनने दिल्ली एनएसडी गया था. यदि फिल्मों में जाना होता तो फिल्म इंस्टीट्यूट पुणे में दाखिला लेता. मैं रंगकर्म के लिए अपनी जीवन जी रहा हूं. उन्होंने कहा था कि मैंने एनएसडी का नमक खाया है, जिससे रंगकर्म मेरे खून मेें है. मैं मंडी में बिकने वाला रंगकर्मी नहीं हूं.

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ये सम्मान हैं उनके नाम

सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिए राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से आलोक चटर्जी को गोल्ड मेडल मिला था. भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उन्हें वर्ष 2019 के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. रंगमंच के क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे आलोक चटर्जी को मध्य प्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा का डायरेक्टर बनाया गया था.

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