Veer Bal Diwas 2025 Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar Winners: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने शुक्रवार को 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 20 बच्चों को कला, संस्कृति, खेल और इनोवेशन समेत अलग-अलग क्षेत्रों में उनकी असाधारण उपलब्धियों और योगदान को पहचान देते हुए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar) दिया. राष्ट्रपति मुर्मू ने पुरस्कार पाने वालों को अपना आशीर्वाद भी दिया. वहीं इन बच्चों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात भी की. आइए जानते हैं किन्हें मिला है पुरस्कार.
Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar: बाल पुरस्कार विजेता श्रवण सिंह
26 दिसंबर को ही क्यों दिया जाता है पुरस्कार?
26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस' के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर वीरता, कला एवं संस्कृति, पर्यावरण, नवाचार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सामाजिक सेवा और खेल जैसे क्षेत्रों में असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन करने वाले बच्चों को प्रधानमंत्री 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' से सम्मानित किया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के अवसर पर नौ जनवरी 2022 को उनके पुत्रों साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत की याद में 26 दिसंबर को ‘वीर बाल दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की थी.
राष्ट्रपति ने क्या कहा?
राष्ट्रपति ने कहा "मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई है कि सभी पुरस्कार विजेता बच्चों ने अलग-अलग क्षेत्रों में असाधारण योगदान दिये हैं. वीरता, कला एवं संस्कृति, पर्यावरण, innovation, science & technology, समाज-सेवा और खेल-कूद जैसे विभिन्न क्षेत्रों में आपकी असाधारण बाल-प्रतिभा का परिचय प्राप्त हुआ है."
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, "सभी बच्चों ने अपने परिवारों, समाज और पूरे देश का गौरव बढ़ाया है. इसलिए, मैं इन बच्चों के परिवार के सदस्यों को भी बधाई देती हूं. इतने अच्छे और होनहार बच्चों के लिए पुरस्कार समारोह आयोजित करने के लिए मैं महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी और उनकी पूरी टीम की सराहना करती हूं."
प्रधानमंत्री ने क्या संदेश दिया?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में 'वीर बाल दिवस' के मौके पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "आज हम उन वीर साहिबज़ादों को याद कर रहे हैं जो हमारे भारत का गौरव है. जो भारत के अदम्य साहस, शौर्य, वीरता की पराकाष्ठा है. वो वीर साहिबज़ादे जिन्होंने उम्र और अवस्था की सीमाओं को तोड़ दिया. जो क्रूर मुगल सल्तनत के सामने ऐसे चट्टान के सामने खड़े हुए कि मज़हबी कट्टरता और आतंक का वजूद ही हिल गया. जिस राष्ट्र के पास ऐसा गौरवशाली अतीत हो, जिसकी युवा पीढ़ी को ऐसी प्रेरणाएं विरासत में मिली हों वो राष्ट्र क्या कुछ नहीं कर सकता."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "यहां मेरा युवा भारत, संगठन से जुड़े इतने सारे युवा यहां उपस्थित हैं. एक तरह से आप सभी 'जेन-ज़ी' हैं. 'जेन-अल्फा' भी हैं. आपकी पीढ़ी ही भारत को विकसित भारत के लक्ष्य तक ले जाएगी. उम्र से कोई छोटा या बड़ा नहीं होता. आप बड़े बनते हैं अपने कामों और उपलब्धियों से. आप कम उम्र में भी ऐसे काम कर सकते हैं कि बाकी लोग आपसे प्रेरणा लें."
Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar: बाल पुरस्कार विजेता
इनको मिला अवॉर्ड
छत्तीसगढ़ की बेटी का सम्मान : कोनागांव, छत्तीसगढ़ की रहने वाली 14 साल की योगिता मंडावी को खेल में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया. योगिता ने अपने माता-पिता को बचपन में ही खो दिया था. योगिता जन्म से ही नक्सल प्रभावित इलाके में रहीं. हालांकि अब ये क्षेत्र नक्सल मुक्त हो चुका है. योगिता राष्ट्रीय स्तर की जूडो खिलाड़ी हैं. इन्होंने कई राष्ट्रीय पुरष्कार जीते हैं.
6 साल के बच्चे को बचाने वाली तमिलनाडु की व्योमा : व्योमा प्रिया जब 8 साल की थी तब वह अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स के बच्चों के पार्क में खेल रही थी. पार्क में एक स्लाइड टूटी हुई अंडरग्राउंड केबल के ऊपर लगी थी, जिससे स्लाइड में करंट आ गया था. उस पर खेल रहा एक 6 साल का लड़का गिर गया, और व्योमा ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन वह खुद करंट की चपेट में आ गई. उसकी मौत के बाद यह अवॉर्ड परिजनों ने ग्रहण किया.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान श्रवण ने की सेवा : फिरोजपुर पंजाब के श्रवण सिंह को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिला. 10 साल के श्रवण ने कहा, "जब पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, तो सैनिक हमारे गांव आए. मैंने सोचा कि मुझे उनकी सेवा करनी चाहिए. मैं उनके लिए दूध, चाय, छाछ और बर्फ ले जाता था. मुझे अवॉर्ड पाकर बहुत अच्छा लग रहा है। मैंने कभी इसका सपना भी नहीं देखा था."
वैभव सूर्यवंशी : विस्फोटक बल्लेबाज के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से उभर रहे बिहार के वैभव सूर्यवंशी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया. पिछले एक साल में वैभव सूर्यवंशी ने हर फॉर्मेट में देश-विदेश में अपनी बल्लेबाजी से दुनियाभर के क्रिकेट फैंस को हैरान किया है. उनकी असाधारण बल्लेबाजी क्षमता और प्रदर्शन को देखते हुए ही उन्हें इस सम्मान के लिए चुना गया.
कमलेश को मरणोपरांत बाल पुरस्कार: बिहार के कमलेश कुमार को साहस के लिए पुरस्कृत किया गया. दुर्गावती नदी में एक दूसरे बच्चे के बाहर जाने पर उसकी जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह किए बगैर नदी में कूद गए. इसमें उनकी जान चली गई.
AI के लिए मिला अवॉर्ड : महाराष्ट्र के 17 साल के अर्णव महर्षि को साइंस कैटेगरी में पुरस्कार मिला. उन्हें यह पुरस्कार दो इनोवेशन के लिए इनोवेशन कैटेगरी में मिला है. उनमें से एक AI सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है, जिसे भारत सरकार द्वारा पेटेंट और कॉपीराइट भी किया गया है.
मगरमच्छ को लकड़ी से मारा : उत्तरप्रदेश के 9 साल के अजय राज को साहस के लिए अवॉर्ड दिया गया. आगरा के अजय ने अपने पिता को मगरमच्छ की पकड़ से बचाया था. उन्होंने लकड़ी से वार कर मगरमच्छ को मारा था.
तेलंगाना के विश्वनाथ को मिला पुरस्कार : मेडचल मलकाजगिरी तेलंगाना के रहने वाले 16 साल के विश्वनाथ कार्तिकेय पदकांति को खेल के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पुरस्कार मिला. उन्होंने पर्वतारोहण में सातवें समिट चैलेंज हर महाद्वीप की सबसे ऊंची छोटी पर औरा अंत में हिमालय पर चढ़कर पूरा किया.
केरल के मोहम्मद सिद्दान : इन्होंने अपने 2 दोस्तों की जान बचाई थी. पलक्कड़ के 11 साल के सिद्दान के दोस्तों को करंट लग गया था. उन्होंने लकड़ी की मदद से उनकी जान बचाई.
आंध्र प्रदेश की 17 साल की शिवानी होसरु उप्परा दिव्यांग पैरा एथलीट हैं. खेल के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
मिजोरम की 9 साल की एस्तेर लालदुहावमी हनामते को कला और संस्कृति के लिए पुरस्कार मिला. लालदुहावमी के गाए गए गीत को गृह मंत्री अमित शाह ने सराहा और उन्होंने गिटार दिया. हनामते के पिता लोहार हैं. हनामते एक यूट्यूब स्टार हैं और उनके चैनल पर 20 मिलियन फॉलोवर्स हैं.
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में रहने वाले 16 साल के तबला वादक सुमन सरकार को कला और संस्कृति के क्षेत्र में पुरस्कार मिला. सुमन को तबला वादन में 13 साल का अनुभव है. राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 43 पुरस्कार मिल चुके हैं. 22 बार पहले स्थान पर रहे हैं.
उत्तरप्रदेश के बाराबंकी की रहने वाली 17 साल की पूजा को पर्यावरण के क्षेत्र में पुरस्कार मिला. पूजा के पिता मजदूर हैं और मां सरकारी स्कूल में खाना बनाती हैं. पूजा ने एक बिना धूल वाली थ्रेसर मशीन बनाई है जो वायु प्रदूषण रोकने में कारगर है.
चंडीगढ़ के 17 साल के वंश को सामाजिक सेवा के लिए पुरस्कार मिला. वंश को परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रशंसा पत्र मिल चुका है.
उड़ीसा के गजपति की जोशना साबर को खेल के क्षेत्र में पुरस्कार मिला. जोशना ने एशियाई यूथ वेट लिफ्टिंग के 40 किलो वेट कैटेगरी में रिकॉर्ड बनाया. जोशना के पिता मजदूरी करते हैं.
असम की आयशी प्रिषा बोराह ने वेस्ट पेपर से पेंसिल बनाने की मशीन बनाई और अखबारों का इस्तेमाल करके मल्च बनाया. साथ ही, ग्रेवॉटर को रीसायकल करने और उसे ग्राउंडवॉटर में बदलने का सिस्टम भी डेवलप किया.
झारखंड की 14 साल की फुटबॉलर अनुष्का को खेल कैटेगरी में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिला.अनुष्का की मां दिहाड़ी मजदूर हैं और पिता बीमार रहते हैं. अनुष्का को अंडर 17 महिला फुटबॉल टीम में शामिल किया गया है.
सूरत गुजरात की रहने वाली 7 साल की शतरंज खिलाड़ी वाका लक्ष्मी प्रज्ञिका को खेल के क्षेत्र में पुरस्कार मिला. लक्ष्मी 2025 के फिडे वर्ल्ड स्कूल चेस चैंपियनशिप में अंडर-7 गर्ल्स श्रेणी में वर्ल्ड चैंपियन बनीं. उन्होंने सभी 9 मुकाबले जीतकर स्वर्ण पदक हासिल किया.
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