UPSC Result 2024: क्रिकेटर बनने का था सपना, जबलपुर के स्वर्णिम ने दूसरे प्रयास में क्रैक किया UPSC एग्जाम

UPSC CSE Final Result 2024: इस मौके पर स्वर्णिम की मां सपना जैन ने कहा कि "बेटे का यह सपना आज पूरा होते देख गर्व महसूस हो रहा है. हमने हमेशा उसका साथ दिया और उसका आत्मविश्वास बनाए रखा. यह सफलता उसके कठिन परिश्रम और धैर्य का नतीजा है."

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UPSC 2024 Result: जबलपुर के स्वर्णिम जैन को मिली सफलता

UPSC CSE Result 2024: जबलपुर (Jabalpur) शहर के होनहार युवा स्वर्णिम चौधरी ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा में 258वीं रैंक हासिल कर अपने परिवार और जबलपुर का नाम रोशन किया है. महज 24 वर्ष की उम्र में स्वर्णिम ने दूसरे प्रयास में यह बड़ी सफलता हासिल की है. जैन परिवार से ताल्लुक रखने वाले स्वर्णिम का बचपन में सपना था कि वे क्रिकेटर बनें, लेकिन समय के साथ उनके लक्ष्य बदले और उन्होंने UPSC को अपना मकसद बना लिया. उनका मानना है कि पढ़ाई में घंटों बिताने से ज्यादा महत्वपूर्ण है 'सलेक्टिव स्टडी' और सही रणनीति के साथ मेहनत करना.

ऐसा रहा संघर्ष

अकेले बहुत संघर्ष करने वाली मां का बेटे स्वर्णिम चौधरी की इस सफलता के पीछे बहुत संघर्ष छिपा है. इस स्वर्णिम सफलता में उनकी मां सपना जैन और मामा प्रशांत एवं नितिन का विशेष योगदान रहा. पेशे से वकील सपना जैन ने बेटे के सपनों को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. परिवार ने हर मोड़ पर स्वर्णिम का हौसला बढ़ाया और पढ़ाई का संपूर्ण वातावरण उपलब्ध कराया.

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युवाओं के लिए संदेश देते हुए स्वर्णिम चौधरी ने कहा कि "UPSC जैसी परीक्षा के लिए सिलेबस की गहराई को समझना जरूरी है. पढ़ाई के साथ-साथ सेलेक्टिव और स्मार्ट वर्क ही सफलता की कुंजी है."

स्वर्णिम का यह यूपीएससी का दूसरा अटेंप्ट था. पहली बार उनके हिस्से में असफलता आयी थी जिससे वे मायूस हो गए थे. उन्होंने कहा कि ऐसा लगता था कि मेरा सपना पूरा नहीं होगा. लेकिन अब वे सफल हो गए हैं.

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UPSC एग्जाम की टिप्स और ट्रिक्स

स्वर्णिम ने असफलता के बाद प्रतिदिन 10 से 12 घंटे पढ़ाई का लक्ष्य तय किया. पहले अटेंप्ट में असफलता मिलने के बाद भी तैयारी जारी रखी. उन्होंने बताया कि सफलता के पहले असफलता मिलना जरुरी है, तब व्यक्ति और भी दृढ़ विश्वास के साथ काम कर सकता है. इस मौके पर स्वर्णिम की मां सपना जैन ने कहा कि "बेटे का यह सपना आज पूरा होते देख गर्व महसूस हो रहा है. हमने हमेशा उसका साथ दिया और उसका आत्मविश्वास बनाए रखा. यह सफलता उसके कठिन परिश्रम और धैर्य का नतीजा है." वहीं स्वर्णिम के मामा नितिन और प्रशांत बहुत खुश होते हुए बताते हैं कि किसी भी विकट परिस्थिति में स्वर्णिम का विश्वास नहीं डिगा, स्वर्णिम ने जो लक्ष्य सामने रखा था उसे ही पूरा किया. हालांकि अभी भी मां सपना जैन का सपना है कि बेटा आगे और तैयारी कर IAS का पद हासिल करें.

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