World Animal Day: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल... जिसे झीलों की नगरी के नाम से भी जाना जाता हैं. यहां कुछ ऐसे लोग भी है जो निःस्वार्थ भाव से पशु प्रेम करते हैं और पशुओं की सेवा में जुटे हैं. बीमार जानवरों का इलाज करना हो या बेसहारा जानवरों को सहारा देना हो.... शहर के पशुप्रेमियों ने सभी जीवों के लिए मुहीम चला रखी है... दिन रात उनकी सेवा करना और उन्हें अपने बच्चे की तरह प्यार करना ही इन लोगों ने अपने जीवन का मकसद बना रखा हैं. पेश है वर्ल्ड एनिमल डे पर ऐसे पशु प्रेमियों से खास बातचीत जिन्होंने अपने जीवन में बेझिझक पशु सेवा को किया है और निरंतर करते रहेंगे....
स्नेक मास्टर सलीम भाई
भोपाल के रोशनपुरा में रहने वाले सलीम भाई पिछले 33 साल से निरंतर सांप पकड़ते है और उन्हें सुरक्षित वन विहार में छोड़कर आते हैं. उन्होंने बताया उनके पिता पेशे से आयुर्वेदिक गुरु थे और वह सांपों को मरहम लगाकर उन्हें ठीक करते थे. तब से उन्होंने यह समझ लिया कि सांप किसी के दुश्मन नहीं बल्कि दोस्त होते हैं. तब से ही उन्होंने सांप रेस्क्यू करना शुरू किया और भोपाल के वनविहार में उनके लिए सुरक्षित स्थान बना दिया. सलीम ने बताया कि उन्होंने सांपों के प्रति लोगो को जागरूक करने के लिए 21 साल वनविहार में इसके लिए शो भी किया है. जिससे कि वह लोगों को यह बता सके की सांप दूध नहीं पीते बल्कि धर्म के नाम पर उन्हे दुःख दिया जाता है.
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स्मॉल एनिमल लवर संध्या कुम्भकार
नेहरू नगर में रहने वाली संध्या कुम्भकार जिन्हें जानवरों से बेहद प्यार और लगाव है. वह बताती है की पिछले 7 सालों से निरंतर यह कार्य कर रही हैं और जो एनिमल अपने पेरेंट्स से बिछड़ जाते है या जिनके पेरेंट्स खत्म हो जाते है. वो इन्हें अपने साथ लाकर इनका ध्यान रखती है और ठीक होने पर किसी को दे देती है.संध्या बताती है की उन्होंने चिड़िया, गिलहरी ,खरगोश इन सबका रेस्क्यू किया है जो की इन्हे बहुत गंभीर हालत में मिलते थे. संध्या आगे बताती है कि इनमें एक बिमारी होती है जिससे इनका बचना मुश्किल होता है तो ऐसी परिस्थिति में जब तक वह जिंदा रहते हैं. तब तक वह इनका पूरा ध्यान रखती है.
गौ सेवक विजय बाथम
भोपाल के कोलर में रहने वाले विजय बाथम जिन्हें गाय से लगाव है....जो बिना किसी स्वार्थ के पिछले 10 सालों से गायों की सेवा करते आ रहे है. विजय बताते है कि वह सभी गाय... चाहे वो स्ट्रीट गाय हो या या किसी की पालतू गाय या गंभीर स्थिति में पड़ी कोई गाय हो...वह सबका इलाज खुद से करते है.अभी तक विजय ने 2000 से भी ज्यादा गायों का रेस्क्यू किया है. विजय ने बताया कि उनके पास अभी कोई पशुशाला नहीं हो पाने के वजह से वह जगह जगह जाकर उनका इलाज करते है. जिसमें उनके दोस्त वीरेंद्र सोनी भी उनकी मदद करते है. विजय बताते है कि अब तो ऐसा होने लगा है कि हर रोज 5 से 10 केस आते है. जिसे वह बड़ी खुशी पूरा से करते हैं.
डॉग लवर स्नेहा सक्सेना
भोपाल के एमपी नगर में रहने वाली स्नेहा सक्सेना जिन्हें सभी डॉग लवर के नाम से भी जानते हैं. स्नेहा 'पॉज ऑन पराडे' नाम की आर्गेनाइजेशन भी चलाती हैं. स्नेहा पिछले 3 साल से स्ट्रीट डॉग्स, बीमार डॉग्स और वायरस से पीड़ित डॉग्स का भी इलाज करती है और करवाती हैं. स्नेहा ने बताया कि इन्होंने कोरोना के टाइम से डॉग रेस्क्यू करना शुरू किया. स्नेहा बताती है कि उनके पास अभी कोई प्रॉपर जगह नहीं हैं. जिसके वजह से वह कभी डॉग्स को अपने घर पर ले आती हैं या किसी शेल्टर में बात करके वहां रख कर उनकी केयर करती हैं. जब वह पूरी तरीके से ठीक हो जाते हैं तो उन्हें वह किसी दूसरे डॉग लवर को दे देती हैं. स्नेहा ने अभी तक 300 से भी ज्यादा डॉग्स को रेस्क्यू कर उनका ध्यान रखा हैं.
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