Fertilizers Crisis: प्रदेशभर के किसानों के लिए एक राहतभरी खबर सामने आई है. अब खाद वितरण के लिए किसानों को ई-टोकन की अनिवार्यता से मुक्त कर दिया गया है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने इस बारे में बड़ा फैसला लेते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी किसान को अब खाद लेने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन या ई-टोकन की बाध्यता से नहीं गुजरना होगा. किसान अब सीधे जाकर ऑफलाइन माध्यम से खाद प्राप्त कर सकेंगे.
NDTV ने उठाया था मुद्दा
बीते कुछ दिनों से मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में किसानों को खाद वितरण के दौरान गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. कई जगहों पर किसानों को ई-टोकन नहीं मिलने के कारण खाद नहीं दी जा रही थी. गांवों में रहने वाले किसानों के सामने सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि उनके पास न तो स्मार्टफोन हैं और न ही इंटरनेट सुविधा. किसान सोसाइटी के चक्कर लगाते-लगाते थक चुके थे, लेकिन बिना ई-टोकन के उन्हें खाद नहीं मिल पा रही थी.
कई किसानों ने बताया कि वे घंटों दुकानों पर लाइन में लगे रहे, लेकिन मोबाइल रजिस्ट्रेशन न होने की वजह से उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने लिया संज्ञान
एनडीटीवी की रिपोर्ट सामने आने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और तुरंत कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं और उनके साथ किसी भी तरह की तकनीकी बाधा नहीं आने दी जाएगी.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा “किसानों को खाद के लिए किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी. ई-टोकन की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है, अब किसान सीधे जाकर खाद प्राप्त कर सकते हैं. हमारी प्राथमिकता है कि हर किसान को समय पर खाद मिले, ताकि बुवाई का काम प्रभावित न हो.”
किसानों में खुशी की लहर
इस निर्णय के बाद प्रदेश के किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई है. कई किसानों ने कहा कि यह कदम बिल्कुल सही समय पर आया है, क्योंकि रबी सीजन की तैयारी जोरों पर है और खाद की जरूरत सबसे ज्यादा इसी समय होती है. विदिशा, रायसेन, सीहोर, हरदा और भोपाल सहित कई जिलों में किसान अब बिना ई-टोकन सीधे सोसाइटी से खाद ले सकेंगे.
तकनीक बनी थी परेशानी
राज्य सरकार द्वारा किसानों की सुविधा के लिए शुरू की गई ई-टोकन व्यवस्था का उद्देश्य था पारदर्शिता और भीड़ नियंत्रण,
लेकिन ज़मीनी हकीकत में यह व्यवस्था कई किसानों के लिए बाधा बन गई थी. ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की कमजोर कनेक्टिविटी, डिजिटल ज्ञान की कमी और सीमित संसाधनों के कारण किसान इस प्रक्रिया से जुड़ नहीं पा रहे थे. अब ऑफलाइन व्यवस्था लागू होने के बाद उम्मीद है कि खाद वितरण सुचारू रूप से चल सकेगा.
सरकार ने दी स्पष्ट गाइडलाइन
कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार, अब सभी प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACs) को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसानों से केवल पहचान पत्र और भूमि संबंधित दस्तावेज लेकर खाद वितरण करें. ई-टोकन की मांग नहीं की जाएगी. विभाग ने यह भी कहा है कि खाद स्टॉक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और किसी भी जिले में कमी नहीं होने दी जाएगी.