Vegetable Price Hike: बाजार में 1200 रुपए प्रति किलो बिक रही ये सब्जी! नाम सुनकर दंग रह जाएंगे आप?

Jungli Pihari: बरसात के दिनों सब्जियों की दुकानें जंगली पिहरी सजने जाती हैं. अच्छी कीमत मिलने से ग्रामीणों के अस्थाई रोजगार का जरिया बने जंगली पिहरी को स्थानीय लोग जंगली मशरुम भी पुकारते हैं. लजीज और पोषक तत्वों से भरपूर इस जंगली सब्जी की बरसात में इसलिए खूब डिमांड रहती है.  

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Jungli Pihari vegetable being sold 200 per kg in market of umaria MP

Jungli Mashrum: मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में जंगली मशरूम कही जाने वाली जंगली पिहरी सब्जी की डिमांड बरसात के सीजन में एकाएक बढ़ जाती है. आलम यह है कि जंगली सब्जी पिहरी सब्जी की दुकानों पर 1200 रुपए प्रति किलो बिक रही है. बड़ी बात यह है कि फिर भी लोगों में जंगली पिहरी की डिमांड कम नहीं हो रही है.

बरसात के दिनों सब्जियों की दुकानें जंगली पिहरी सजने जाती हैं. अच्छी कीमत मिलने से ग्रामीणों के अस्थाई रोजगार का जरिया बने जंगली पिहरी को स्थानीय लोग जंगली मशरुम भी पुकारते हैं. लजीज और पोषक तत्वों से भरपूर इस जंगली सब्जी की बरसात में इसलिए खूब डिमांड रहती है.  

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आदिवासी बाहुल्य उमरिया जिले में पूरे शबाब में है जंगली पिहरी

गौरतलब है आदिवासी बाहुल्य उमरिया जिले में बरसात का मौसम पूरे शबाब में है. लगातार आसमान से मूसलाधार बारिश हो रही है, जिससे बाजार में दुकानदारों और ग्राहकों के बीच जंगली पिहरी का क्रेज सिर चढ़कर बोल रहा है. दुकानदार बताते हैं कि बाजार में जंगली पिहरी 1200 रुपए प्रति किलो तक बिक रही है, लेकिन ग्राहक फिर भी उमड़ रहे हैं. 

प्रोटीन, मल्टी विटामिन और मिनिरल से भरपूर है जंगली सब्जी

जानकारों की मानें तो जंगली पिहरी सब्जी में प्रोटीन, मल्टी विटामिन से लेकर मिनिरल्स जैसे पोषक तत्व होते हैं, जिससे लोगों द्वारा यह खूब पंसद किया जाता है. जगंली मशरूम के नाम से भी मशूहर जंगली पिहरी न सिर्फ मानव शरीर को ऊर्जावान बनाते हैं बल्कि मौसमी बीमारियों से लड़ने के लिए शरीर की इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करते हैं.

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बरसात के दिनों में पिहरी सब्जी की इतनी डिमांड होती है कि ग्राहक कितना भी महंगा हो, खरीदने को तैयार रहते हैं. ग्राहकों का कहना है कि हमें पिहरी खरीदने में महंगी तो पड़ती है, लेकिन इसका जायका इतना पसंद है कि हमें खरीदने में कोई दिक्कत नहीं होती है.

जंगल में आसानी में उपलब्ध होती है जंगली पिहरी सब्जी

बरसात का मौसम अपने पूरे शबाब में होने वाली जंगली पिहरी सब्जी आदिवासी लोगों के लिए अस्थायी रोजगार का माध्यम  बन जाया है. ग्रामीण सुबह जंगल जाकर जमीन पर उगे जंगली पिहरी को उखाड़ लाते हैं और साफ करके बाजार में बेचने के लिए लाते हैं. इसकी बाजार में इतनी डिमांड होती है कि बाजार पहुंचते ही छूमंतर हो जाती है.

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