Ujjain Rape Case: 700 किमी दूर से उज्जैन आई थी पीड़ित,पुलिस के बयान और दस्तावेजों में कोई मेल नहीं

मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन में हुए बालिका रेप कांड में तीन दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस के हाथ करीब-करीब खाली है.असली गुनहगार अब भी सलाखों से पीछे है. पुलिस के बयान और मामले के दस्तावेज़ मेल नहीं खा रहे हैं

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Ujjain Rape Case: मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन में हुए बालिका रेप कांड (Girl Rape Case)में तीन दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस के हाथ करीब-करीब खाली है. CCTV कैमरे में खून से लथपथ और अर्धनग्न हालत में लोगों से मदद मांगती इस 15 साल पीड़ित की तस्वीर मंगलवार को सामने आई थी..जिसे देखकर पूरे देश में गुस्सा है. लेकिन तीन दिन बाद असली गुनहगार सलाखों से पीछे है. पुलिस के बयान और मामले के दस्तावेज़ मेल नहीं खा रहे हैं. 

पुलिस की थ्योरी पर सवाल

घटना के अगले दिन मंगलवार को एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया,जिसमें पीड़ित खून से लथपथ, आधे कपड़ों में लोगों से मदद मांगती दिखाई दी थी। कई जगह से मिले सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देख पुलिस ने एकता नगर निवासी एक ऑटो ड्राइवर को संदिग्ध मानते हुए पूछताछ के लिये पकड़ा, उसके ऑटो में खून के निशान मिले लेकिन और कोई ठोस सबूत नहीं मिला.

उज्जैन जिले के थाना महाकाल की घटना में कुछ तथ्य सामने आए  हैं जिसका टेक्निकल और भौतिक कुछ परिस्थितिजन्य साक्ष्य मिले थे पूछताछ लगातार जारी है जो भी तथ्य सामने आते हैं उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

सचिन शर्मा

उज्जैन, पुलिस अधीक्षक

700 किमी का सफर तय किया

ताजा जानकारी के मुताबिक पीड़ित लड़की मध्यप्रदेश की ही रहने वाली है और उज्जैन पहुंचने से पहले उसने करीब 700 किमी का सफर तय किया था. उज्जैन के पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा के मुताबिक पीड़ित ने रविवार दोपहर को घर छोड़ा था. इसके बाद उसने 12 घंटे में उज्जैन तक का सफर तय किया. उज्जैन आने के अगले दिन सुबह उसके साथ ये वारदात हुई.  उज्जैन आने के बाद वो यहां शहर की गलियों में घूम रही थी. 

 
हले दावा पीड़ित का बयान नहीं, FIR में जानकारी दर्ज

हालांकि अब पुलिस की इस थ्योरी पर सवाल हैं क्योंकि एक दिन पहले पुलिस का कहना था कि पीड़ित अपना नाम, पता और घटना नहीं बता पा रही जबकि एनडीटीवी के हाथ एफआईआर की जो जानकारी लगी है उसके मुताबिक एफआईआर में उसने अपना नाम, पिता का नाम सब कुछ बताया है. घटना की जानकारी भी दी है कि कैसे एक अज्ञात शख्स ने उसका मुंह दबाकर उसके साथ वारदात को अंजाम दिया.जिसके बाद धारा 510/2023 धारा 376, 376(3) भादवि 3/4(2) पॉक्सो एक्ट का मामला दर्ज कर जांच शुरु की गई.इस मामले में 5 टेक्निक्ल एक्सपर्ट की टीम 72 घंटे से ज्यादा के सीसीटीवी फुटेज को खंगालने में जुटी है.

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आश्रम के आचार्य ने किया कॉल, 20 मिनट बाद आई पुलिस

सोमवार सुबह करीब 9.30 बजे पीड़ित आधे कपड़ों में खून से लथपथ बड़नगर रोड के दांडी आश्रम के करीब मिली, वहां के व्यवस्थापक आचार्य राहुल शर्मा ने बताया मैं कहीं बाहर जाने के लिये निकला तभी गेट से 10 फीट दूरी पर वो बच्ची मुझे दिखी, मैंने अपना ऊपरी वस्त्र उतारकर उसे दिया.उसकी आंखें सूजी थी, मैंने 100 नंबर पर कॉल किया लेकिन कॉल लग नहीं रहा था.फिर मैंने महाकाल थाने में कॉल किया, कुछ परिचित पुलिसवालों को बताया.रिपोर्ट दर्ज कराई फिर दुबारा 100 नंबर पर कॉल किया तो 20-25 मिनट में गाड़ी आई.वो बच्ची बोल रही थी लेकिन उसकी भाषा समझ नहीं आ रही थी.  

मैंने उससे कहा यहां कोई डर नहीं है. लेकिन वो डरी हुई थी जब कोई नया व्यक्ति गाड़ी के पास आता तो वो मेरी छाया में छिपने की कोशिश कर रही थी. उसकी आंखें सूजी हुई थी, मेरा लक्ष्य उसकी मदद करने का था. वो किसी गांव का नाम बता रही थी लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा था.बाद में हमने उसे चरक अस्पताल पहुंचाया.

आचार्य नरेन्द्र सिंह

दांडी आश्रम

पीड़ित आईसीयू से बाहर

मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की बात और उसकी गंभीर हालत को देखते हुए पीड़ित को इंदौर रेफर किया गया है. बच्ची के इलाज में लगे डॉक्टरों का कहना है कि पैरेनियल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी की गई है क्योंकि बच्ची के वेजाइना से रेक्टम तक का हिस्सा फट गया था. राहत की बात है कि उसे आईसीयू से बाहर निकाल दिया गया है लेकिन अभी तक उसे इंफेक्शन है.

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