उज्जैन रेप पीड़िता को मदद में सिर्फ 1500 रुपए मिलने से भड़कीं स्वाति मालीवाल, CM शिवराज को लिखी चिट्ठी

उज्जैन (Ujjain) में 24 वर्षीय ऑटो चालक द्वारा 12 वर्षीय मासूम के साथ बलात्कार की चौंकाने वाली घटना के बारे में एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान (Madhya Pradesh (CM Shivraj Singh Chouhan) को पत्र लिखा है.

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उज्जैन:

Ujjain Rape Case: दिल्ली महिला आयोग (DCW)  की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) में 24 वर्षीय ऑटो चालक द्वारा 12 वर्षीय मासूम के साथ बलात्कार की चौंकाने वाली घटना के बारे में एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान (Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhan) को पत्र लिखा है. मालीवाल (Swati Maliwal) ने अपने पत्र में पीड़िता को ठीक होने में सहायता के लिए चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक और पुनर्वास देखभाल के लिए तत्काल पहुंच और पीड़िता के परिवार को रिकवरी और पुनर्वास के लिए कम से कम 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने का अनुरोध किया है.

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स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' पर लिखा,'' खबरों के अनुसार उस लड़की को आज तक सरकार से कोई मदद नहीं मिली. किसी नेता ने 1500 रुपये देकर जैसे एहसान कर दिया. आज मैंने MP के CM को पत्र लिख बेटी को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की हैं.'' इसके साथ उन्होंने लेटर अटैच किया और एक वीडियो भी पोस्ट किया है.

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दिल्ली महिला आयोग (DCW)  की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने अपने पत्र में इस वीभत्स तथ्य पर प्रकाश डाला कि पीड़िता को मदद मांगने के लिए 8 किमी की दूरी तय करके 2.5 घंटे तक पैदल घर-घर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. हालांकि, किसी ने उसकी मदद नहीं की और वह अर्धनग्न हालत में खून से लथपथ मिली. पीड़िता को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उसे ठीक होने में कई दिन लगे.

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इसके बाद मामले में एफआईआर दर्ज की गई और आरोपी को मध्य प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. मीडिया में खबर आई कि मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh) ने पीड़िता को आर्थिक मदद समेत अन्य सहायता की घोषणा की है, लेकिन कथित तौर पर बच्ची को आज तक सरकार द्वारा सहायता नहीं दी गई है.एक स्थानीय नेता द्वारा परिवार को 1500 रुपये दिए गए हैं, जो बच्ची के पुनर्वास के लिए अपर्याप्त है.

डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने पत्र में आगे उल्लेख किया है कि गांव का दौरा करने वाले पत्रकारों ने पुष्टि की है कि बच्ची एक फूस की झोपड़ी में रहती है और अभी भी गांव में केवल दो हैंडपंपों में से एक उपलब्ध पंप से पानी लाने के लिए हर दिन उसे 300 मीटर की यात्रा करनी पड़ती है.

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