Baba Mahakal Mandir Ujjain : मध्य प्रदेश के उज्जैन में हर पर्व की तरह बुधवार को रंग पंचमी की शुरुआत भी बाबा महाकाल के दर से शुरू हुई. यहां सबसे पहले तड़के हुई भस्म आरती में एक लोटा केसर युक्त रंग अर्पित कर पण्डे पुजारियों ने बाबा महाकाल के साथ रंग खेले। हालांकि इस बार दर्शनार्थी मंदिर में होली खेलने का आनंद नहीं ले पाए.
इस तरह हुई पूजा
उज्जैन में किसी भी पर्व की शुरुआत बाबा महाकाल से होती है. इसलिए बुधवार तड़के मंदिर का द्वार खोलने के बाद परंपरानुसार सभी भगवान की प्रतिमाओं का शीतल जल से स्नान कराया गया. इसके बाद भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का दूध,दही, फलों के रस से तैयार किए पंचामृत से अभिषेक कर श्रृंगार किया गया. फिर एक लोटा केसर युक्त रंग अर्पित किया और नंदी को भी रंग डाला.
हादसे की बरसी
दरअसल 25 मार्च 2024 को होली पर भस्म आरती के दौरान केमिकल युक्त गुलाल उड़ाने से आग लग गई थी. आगजनी में 14 पंडे, पुजारी, पुरोहित और कर्मचारी झुलस गए थे, जिनमें से एक की मौत हो गई थी. यही वजह है कि इस बार होली ओर रंगपंचमी पर प्रशासन ने मंदिर में होली पर सख्ती से प्रतिबंध लगा दिया. नतीजतन बाबा महाकाल पर केसर युक्त रंग डाल कर सिर्फ परंपरा का निर्वाह किया गया है.
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