एक फ्रिज से खुल गई पोल, उज्जैन पुलिस ने पकड़ा नकली नोट छापने वाला गिरोह; 5 लाख रुपये जब्त

उज्जैन पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसमें पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से 5.20 लाख रुपये के नकली नोट जब्त किए गए हैं.

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मध्य प्रदेश के उज्जैन में पुलिसने नकली नोट छापने ओर चलाने वाले गिरोह को गिरफ्त में लिया है. माधव नगर थाने में पकड़े गए पांचों आरोपियों से 5.20 लाख रुपये के नकली नोट जब्त किए गए हैं. गिरोह का सरगना देवास जेल में बंद है और पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आएगी. एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि अमरदीप नगर निवासी हरीश प्रजापत का फ्रीगंज में इलेक्ट्रॉनिक शोरूम है. उसने 1 सितंबर को माधवनगर थाना पुलिस को शिकायत दर्ज कराई कि अशोक नगर निवासी दुर्गेश डाबी और गिरिराज कॉलोनी निवासी शुभम  ने  23 हजार रुपये मे वॉशिंग मशीन खरीदी.

उन्होंने 100 और 200 रुपये के नोट देकर भुगतान किया था, जो नकली निकले हैं. पुलिस ने मामले में केस दर्ज कर दोनों को पकड़ लिया. जांच में पता चला छोटी मायापुरी निवासी कमलेश लोधी दोस्त प्रहलाद के साथ मिलकर अपनी बॉक्स फैक्ट्री में नकली नोट छापता है. जानकारी के बाद कमलेश की फैक्ट्री से नकली नोट, कम्प्यूटर, वॉटर पेपर, केमिकल और कलर प्रिंटर जब्त किया. साथ ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

30 हजार में 1 लाख रुपये

एसपी शर्मा ने बताया कि आरोपी कमलेश ओर प्रहलाद से कुछ समय पहले एनडीपीएस केस में भैरव गढ़ जेल में बंद थे. यहां उनकी मुलाकात फेक करेंसी मामले में बीएनपी थाने में पकड़े बुरहानपुर निवासी सुनील बाबूराव से हुई. जेल से छूटने के बाद सुनील ने उन्हें नकली नोट बनाना सिखाया. नोट छापने के बाद कमलेश ने दुर्गेश, शुभम और शेखर को 30 प्रतिशत के हिसाब से 1-1 लाख रुपये दिए. गिरोह को पकड़ने वाली टीम को 10 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा.

कमिश्नर का पुत्र भी आरोपी

पुलिस को पता चला कि आरोपी नकली नोट को कोडवर्ड में सैंडविच कहते हैं. कमलेश और प्रह्लाद आदतन अपराधी हैं. उन्हें 10-10 साल की सजायाफ्ता है और जमानत पर हैं. आरोपी शेखर आर्किटेक्ट है और ट्रेवल एवं वेलफेयर डिपार्टमेंट के रिटायर्ड कमिश्नर महेश यादव का पुत्र है. आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेंगे और सुनील को देवास जेल से ट्रांजेक्शन वारंट पर लाकर पूछताछ करेंगे.

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