हार्ट अटैक का ट्रेंड बदला: यहां 23 दिन में हुईं 54 मौतें, इस उम्र के मरीज बढ़े, रखें यह ख्याल

MP Latest News: ग्वालियर के सबसे बड़े हॉस्पिटल जेएएच की हार्ट इकाई और निजी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थान बीआईएमआर के आंकड़े बताते हैं कि बीते 23 दिनों में ही यहां हार्ट अटैक का शिकार होकर पहुंचे 54 मरीजों की मौत हो गई. अगर हार्ट उपचार सेंटरों को शामिल किया जाए तो यह आंकड़ा और भी बढ़ जाएगा.

विज्ञापन
Read Time: 18 mins

Health News: ग्वालियर के गजराजा मेडिकल कॉलेज (Gajraraja Medical College, Gwalior) के हृदय रोग हॉस्पिटल (Heart Hospital) में इलाज के लिए आने वाले हृदय रोगियों (Heart Patient) के आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं. आंकड़े बताते हैं कि अब युवाओं का दिल लगातार कमजोर हो रहा है. हार्ट अटैक (Heart Attack) और ब्रेन हेमरेज (Brain Hemorrhage) से होने वाली मौतों में भी सबसे बड़ा आंकड़ा युवाओं का ही है. ग्वालियर में बीते दिनों में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke) से जो मौतें हुई हैं, उनमें से 27 फीसदी युवा यानी 25 से 45 आयुवर्ग के मामले थे.

23 दिन में हार्ट अटैक से हुईं 54 मौतें

ग्वालियर के सबसे बड़े हॉस्पिटल जेएएच की हार्ट इकाई और निजी क्षेत्र के चिकित्सा संस्थान बीआईएमआर के आंकड़े बताते हैं कि बीते 23 दिनों में ही यहां हार्ट अटैक का शिकार होकर पहुंचे 54 मरीजों की मौत हो गई. अगर हार्ट उपचार सेंटरों को शामिल किया जाए तो यह आंकड़ा और भी बढ़ जाएगा.

Advertisement

युवाओं का दिल हुआ कमजोर

जेएएच के हार्ट यूनिट के प्रमुख और गजराराजा मेडिकल कॉलेज के हार्ट विभाग के अध्यक्ष डॉ पुनीत रस्तोगी बताते है कि इस बार सर्दी में हार्ट के सबसे अधिक मरीज 25 से 45 साल के पहुंचे. आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि महज 23 दिन में हार्ट अटैक से जो 54 मौतें दर्ज हुई उसमें से 26 फीसदी तो 25 से 45 आयु वर्ग के थे. इसी तरह ब्रेन स्ट्रोक से जो 46 मौतें हुईं उनमे से भी 28 फीसदी युवा थे.

Advertisement
डॉ पुनीत रस्तोगी कहते हैं कि युवाओं को खास सावधानी बरतनी चाहिए. मसलन समय से सोना, मोबाईल या सोशल मीडिया पर स्क्रीन टाइम नियंत्रित करना, मोटापा न बढ़ने देना, खानपान संतुलित रखना, नियमित हल्का व्यायाम करना.

सोशल मीडिया ने गड़बड़ाया युवाओं का दिल

हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ पुनीत रस्तोगी का कहना है कि उन्होंने अब तक इस पर जो रिसर्च किया है उसके नतीजों से पता चलता है कि इसका मुख्य कारण मोटापे का बढ़ना, व्यायाम न करना और कम सोना है. सोशल मीडिया की वजह से लोग देर रात तक सोते नहीं हैं, इंगेज रहते हैं, वहीं जल्दी उठ जाते हैं. इसके अलावा स्मोकिंग और तम्बाकू के अत्यधिक सेवन से भी युवाओं का दिल जल्दी खराब हो रहा है.

Advertisement

बदल गया हार्ट अटैक के ट्रेंड 

डॉ रस्तोगी ने एनडीटीवी से बात करते हुए बताया कि हम बीते दो माह का जो ट्रेंड देख रहे हैं वह काफी चौंकाने वाला है जिसमें अधिकांश मरीज हॉस्पिटल तक पहुंच ही नहीं पा रहे हैं. वे हमारे पास आने से पहले ही दम तोड़ रहे हैं यह बदलता ट्रेंड काफी चौकाने वाला है. डॉ रस्तौगी कहते हैं कि हार्ट अटैक के पेशेंट को लेकर बीते कुछ वर्षों में बड़ा बदलाव आया है. पहले जहां हार्ट अटैक पचास वर्ष से उम्र के लोगों को ज्यादा आता था, वहीं अब इसके अधिकांश शिकार युवा वर्ग के लोग हो रहे हैं.

स्टेशन पर एक और की हार्ट अटैक से मौत, 23 दिन में मरने वालों की संख्या हुई चार

ग्वालियर में ठंड का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. ठंड की वजह से ट्रेनों का शेड्यूल बिगड़ा हुआ है. भीषण ठंड के चलते ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर एक और यात्री की मौत हो गई. शीत के सीजन में स्टेशन पर हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या दो माह में यह चौथी और जनवरी में यह तीसरी मौत है. ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर बीते 23 दिनों में लगभग 7 लोगों को हार्ट अटैक आया, जिनमें से चार लोगों की मौत हो चुकी है. मौत की ताजा घटना में ट्रेन की प्रतीक्षा में खड़े यात्री के साथ हुई. मृतक का नाम सतीश बाबू बताया गया है. यहां से उसे केरला एक्सप्रेस से कन्याकुमारी जाना था, लेकिन केरल एक्सप्रेस 11 घंटे बिलंब से चल रही थी.

56 साल के मृतक सतीश अपने दोस्त ए राजा के साथ केरल एक्सप्रेस पकड़ने रात को ग्वालियर स्टेशन पहुंच गए थे, लेकिन ट्रेन लगातार लेट होती रही और सतीश भीषण सर्दी से बेचैन थे. रात 12 बजे आने वाली ट्रेन सुबह 7 बजे तक अस्पताल नहीं पहुंची, इस बीच सुबह 5 बजे वे प्लेटफार्म एक पर अचेत होकर गिर पड़े.

जैसे ही इसकी खबर रेल अधिकारियों को मिली तो उन्हें उठाकर तत्काल एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया, लेकिन वहां पहुंचते ही डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया गया. गौरतलब है कि इससे पहले स्टेशन पर आए हार्ट अटैक से एक कुलपति सहित तीन लोगों की मौत हो चुकी है.

यह भी पढ़ें: थाना प्रभारी ने भाई बनकर थाने में कराई यवुती की गोद भराई, पति के साथ विदा हुई पीड़िता, जानिए पूरा मामला

Topics mentioned in this article