Temple Land Sold: टीकमगढ़ प्रशासन ने करोड़ों रुपए के मंदिर की जमीन हाई कोर्ट के निर्देश पर रविवार को मुक्त कराया. आरोप है कि शहर के बिहारीजी मन्दिर से सटे एक हेक्टेयर खेती की जमीन को मंदिर के पुजारी ने अपने नाम करवा लिया, फिर करीब 7 करोड़ रुपए में उसका सौदा कर दिया. यही नहीं, जमीन पर प्लॉटिंग करके लोगों को बेच भी दिया गया था. हालांकि फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद जमीन का सौदा रद्द हो गया है, जिससे लोग सड़क पर आ गए हैं.
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पुजारी के परिजन राजेन्द्र अध्वर्यु और परिजन हैं आरोपी
रिपोर्ट के मुताबिक पुजारी द्वारा मंदिर की जमीन अपने नाम रजिस्टर करवाकर बेचने की शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने जांच-पड़ताल में मामला सही पाया गया. कलेक्टर ने पुजारी और उसके परिजन राजेन्द्र अध्वर्यु पिता पीताम्बर अध्वर्यु ,रविन्द्र अध्वर्यु ,पिता पीताम्बर अध्वर्यु और राजा राम रॉय, अंशुल जैन के खिलाफ केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.
मंदिर के पुजारी के फर्जीवाड़े के खिलाफ स्वदेश रावत ने उठाई आवाज
हबेली के पास स्थित सैकड़ों साल पुराने मन्दिर से सटे एक हेक्टेयर खेती की जमीन का रखरखाव पुजारी द्वारा की जाती थी, लेकिन मंदिर के पुजारी वृंन्दावन, परमेश्वर और हरीबल्लभ ने पहले जमीन अपने नाम करवा ली. फिर साल 2015 में जमीन उसके दो पुत्रों राजेन्द्र अध्वर्यु और रविन्द्र अध्वर्यु के नाम ट्रांसफर हो गई, जिसे उन्होंने 7 करोड़ 50 लाख रुपए में बेच दी.
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राजेंद्र अध्वर्यु और रविन्द्र अध्वर्यु के खिलाफ शिकायत
जिला कलेक्टर ने मंदिर की जमीन गलत तरीके से अपने नाम करवाने और फिर उसे करोड़ों रुपए में बेचने को दोषी राजेंद्र अध्वर्यु और रविन्द्र अध्वर्यु के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए.
प्लॉट काटकर 16 लोगों को बेच दी गई थी मंदिर की करोड़ों की जमीन
जिला प्रशासन ने मंगल भवन के पास बेशकीमती जमीन को अपने कब्जे में लेकर बोर्ड लगा दिया गया है. इस जमीन पर कोलनाइजर ने 16 लोगों को प्लाट काटकर करोड़ों में बेच दी थी. कलेक्टर के इस निर्देश पर जिले में हड़कंप मचा हुआ है, क्योंकि प्लाट खरीदने वालों की हालत खराब है. प्लाट खरीदने वाले खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.