कांग्रेस के नगरपालिका अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार को मोहन सरकार से मिली बड़ी राहत !

मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में BJP और कांग्रेस के पार्षदों ने एक साथ मिलकर नगर पालिका के अध्यक्ष अब्दुलगफ्फार पप्पू मलिक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.... और अब इस सियासत से एक तरफ जहां अब्दुलगफ्फार मुश्किलों में घिरते नज़र आ रहे हैं. तो वहीं, दूसरी तरफ CM मोहन का एक ऐलान उन्हें राहत दिला सकता है. जानिए कैसे ? 

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Tikamgarh District MP : मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में BJP और कांग्रेस के पार्षदों ने एक साथ मिलकर नगर पालिका के अध्यक्ष अब्दुलगफ्फार पप्पू मलिक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. नगर पालिका के 27 पार्षदों में से 19 पार्षदों ने नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुलगफ्फार पप्पू मलिक के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए उन्हें हटाने की मांग की. इधर, मंगलवार को प्रदेश नगर पालिका द्वितीय संशोधन अध्यादेश में धारा 43 में संशोधन भी किया गया है... जिससे टीकमगढ़ के नगर पालिका के अध्यक्ष अब्दुलगफ्फार को राहत मिलने की उम्मीद है. दरअसल, अब नए संशोधन के तहत अब नगर पालिका और नगर परिषदों के निर्वाचित अध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के नियमों में बदलाव किया गया है. पहले जहाँ अविश्वास प्रस्ताव दो वर्षों के कार्यकाल के बाद लाया जा सकता था लेकिन अब ये समय सीमा तीन सालों तक बढ़ा दी गई है.

नियम में हुआ नया बदलाव

अब निर्वाचित अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव तीन साल के बाद ही लाया जा सकेगा. इसके अलावा, पहले अविश्वास प्रस्ताव पास कराने के लिए दो-तिहाई पार्षदों का समर्थन आवश्यक होता था, लेकिन अब इस नियम को कड़ा करते हुए तीन-चौथाई पार्षदों का समर्थन आवश्यक कर दिया गया है. बता दें कि टीकमगढ़ के नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुलगफ्फार पप्पू मलिक के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले 19 पार्षदों में 10 पार्षद भारतीय जनता पार्टी (BJP ) के, 6 कांग्रेस के, और 3 निर्दलीय पार्षद शामिल हैं.

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किस लिए पार्षदों ने की बगावत

यह सभी पार्षद अब्दुलगफ्फार के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं. यह मामला तब सामने आया जब 19 पार्षदों ने एकजुट होकर टीकमगढ़ कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर अवधेश शर्मा से मुलाकात की. पार्षदों ने आरोप लगाया कि नगर में विकास कार्य ठप पड़े हैं और अध्यक्ष अब्दुलगफ्फार के नेतृत्व में शहर पिछड़ता जा रहा है. उन्होंने कहा कि नगर पालिका के गठन के दो साल बाद भी शहर में कोई विकास नहीं हो पाया है, जिससे नागरिकों में असंतोष बढ़ रहा है.

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क्या बोले कांग्रेस के पार्षद ?

कांग्रेस के पार्षदों ने कहा कि उनका मकसद केवल शहर का विकास है और उनका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है. वहीं, BJP के पार्षदों ने कहा कि नगर पालिका की मौजूदा स्थिति को देखते हुए अध्यक्ष को पद से हटाना ज़रूरी हो गया है.

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क्या बोले अब्दुलगफ्फार ?

अविश्वास प्रस्ताव की इस कार्रवाई को लेकर नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुलगफ्फार ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन और सरकार उन पर दबाव बना रहे हैं. अब देखना यह है कि इस अविश्वास प्रस्ताव के बाद टीकमगढ़ नगर पालिका में सत्ता का संतुलन कैसे बदलता है.

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