MP News in Hindi : शिवपुरी जिले के खनियाधाना तहसील में एक शिक्षक को जंगल में पेड़ कटवाना भारी पड़ गया. शिक्षक को जेल भेजने के बाद शिक्षा विभाग ने भी उसे सस्पेंड कर दिया है. ज़रा सोचिए आपने शिक्षकों को हमेशा बच्चों को ये सिखाते हुए सुना होगा कि पेड़ नहीं काटने चाहिए क्योंकि पेड़ हमें जीवन देते हैं लेकिन यहां तो ये शिक्षक अपने ही बताए गुर भूल गया. दरअसल, मामले के तार 26 सितंबर 2024 से हुए गए हैं. इस टीचर ने जंगल में खड़े होकर खेर के पेड़ों की कटाई करवाई. जब मामला वन विभाग की नजर में आया, तो उन्होंने तुरंत जांच शुरू की. वन परिक्षेत्र अधिकारी ने शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मामला कोर्ट में पेश किया. जांच में यह साफ हो गया कि शिक्षक ने अपनी मौजूदगी में पेड़ों को कटवाया. इसके बाद 2 दिसंबर 2024 को न्यायालय ने उसे वन अपराध का दोषी मानते हुए जेल भेज दिया. अब ये शिक्षक जेल की सजा भुगत रहा है और अपनी नौकरी भी खो बैठा है. कथित टीचर का नाम राम नरेश मिश्रा है जो प्राथमिक विद्यालय गुगरी में बच्चों को पढ़ाई करवाता है.
स्कूल में हुई किरकिरी
जानकारी के लिए बता दें कि खैर की लकड़ी बेशकीमती होती है. कई बार जंगल माफिया गुपचुप तरीके से इसकी तस्करी करते पकड़े जाते हैं. टीचर पर आरोप है कि उसने वन माफिया के साथ मिलकर पेड़ों की कटाई को अंजाम दिया. मामले का खुलासा होने के बाद स्कूल में भी टीचर की किरकिरी होने लगी. इधर, टीचर जेल गया... उधर, जिला शिक्षा अधिकारी भी फॉर्म में आ गए. जेल भेजे जाने के बाद शिक्षा विभाग ने भी मामले को गंभीरता से लिया. जिला शिक्षा अधिकारी ने कलेक्टर के आदेश पर शिक्षक को सस्पेंड कर दिया है.
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वन अपराध क्या है ?
घटना के बाद स्कूल के बच्चे भी कहने लगे कि टीचर होकर उसे ऐसा तरह का काम नहीं करना चाहिए था. बच्चों को पेड़ बचाने की शिक्षा देने वाले शिक्षक ने खुद पेड़ कटवाकर अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया. गौरतलब है कि वन अपराध का मतलब जंगलों में पेड़ों की अवैध कटाई, वन्य जीवों को नुकसान पहुंचाना या जंगलों का नुकसान करना है. ये कानूनन अपराध है. इसमें दोषी पाए जाने पर सख्त सजा होती है.
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