Indore News: सरकारी राशन के चावल की कालाबाजारी (Ration Rice Scam) के एक पुराने मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश पुलिस के दो अफसरों को कठघरे में खड़ा कर दिया है. अदालत ने इंदौर (Indore) के चंदन नगर थाना प्रभारी (TI) इंद्रमणि पटेल और एडिशनल डीसीपी दिशेष अग्रवाल को नोटिस जारी कर 25 नवंबर 2025 को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है.
यह कार्रवाई उस समय हुई जब अदालत के समक्ष राज्य सरकार की ओर से एक ऐसा शपथ पत्र (affidavit) पेश किया गया, जिसमें आरोपी अनवर हुसैन के खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या बढ़ाकर दिखाई गई थी. शासन की रिपोर्ट में जहां 8 आपराधिक केस दर्ज बताए गए, वहीं रिकॉर्ड में केवल 4 मामले पाए गए, जिनमें से दो में फैसला भी हो चुका था.
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने तीखी नाराजगी जताते हुए कहा कि अदालत को गुमराह करना एक गंभीर अपराध है. न्यायालय ने टिप्पणी की, “अगर सरकारी अधिकारी जानबूझकर गलत जानकारी पेश करते हैं, तो यह न्याय की प्रक्रिया के साथ धोखा है.”
दरअसल, यह मामला मार्च 2025 में सामने आया था, जब इंदौर जिला प्रशासन और पुलिस ने एक संयुक्त अभियान चलाकर अनवर हुसैन को चावल की कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार किया था. आरोपी को जेल भेज दिया गया और उसकी जमानत याचिका निचली अदालत, जिला अदालत और हाईकोर्ट तीनों स्तरों पर खारिज हो चुकी थी.
इसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट में राहत की गुहार लगाई. अब अदालत के कड़े रुख से पुलिस विभाग में हलचल मच गई है. सूत्रों के अनुसार, दोनों अफसर अपनी सफाई की तैयारी में जुटे हैं.