Action Against Encroachment: अतिक्रमण पर कड़ा प्रहार, 60 बुलडोजर, 600 अधिकारी, 900 बीघा वनभूमि कराया मुक्त

Forest Land: वन विभाग ने अतिक्रमित 900 बीघा जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए कुल 60 बुलडोजर और 600 वन अधिकारी को डिप्लॉय किया और ग्राम ग्राम देतला ओर कमलपुर में 900 बीघा अतिक्रमित वनभूमि मुक्त कराई.

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Forest Department Action

Guna news: गुना जिले में एक बार फिर वन विभाग ने कड़ा प्रहार किया है. गुरुवार को चाचौड़ा में वन विभाग ने 900 बीघा वनभूमि मुक्त कराया. वन विभाग ने अतिक्रमित 900 बीघा जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए कुल 60 बुलडोजर और 600 वन अधिकारी को डिप्लॉय कर चाचौड़ तहसील में अतिक्रमित 900 बीघा वनभूमि को मुक्त कराया.

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वन विभाग ने यह कार्रवाई में संयुक्त रूप जिला प्रशासन, पुलिस और वन विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ की. इसमें गुना कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, और वन मंडल अधिकारी के मार्गदर्शन में एसडीएम चांचौड़ा रवि मालवीय, एसडीओपी चांचौड़ा दिव्या राजावत, तहसीलदार चांचौड़ा, और बीनागंज रेंजर सौरभ द्विवेदी शामिल थे.

रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार सुबह लाव-लश्कर के साथ चाचौड़ा तहसील पहुंची वन विभाग ने अतिक्रमित 900 बीघा वन भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया. यह कार्रवाई बीनागंज रेंज के अंतर्गत खेड़ी कमलपुर और देदला बीट के आरएफ 21 और आरएफ 19 कक्ष में की गई. इस अभियान में 60 बुलडोजरों और 600 अधिकारियों-कर्मचारियों ने सहभागिता की.

वनविभाग ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर की कार्रवाई

गौरतलब है मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देशों और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सख्त आदेशों के तहत भू-माफियाओं के खिलाफ यह अभियान चलाया गया.  गत दिवस गुना दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री ने अवैध कब्जों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए थे. इस पर जिला प्रशासन ने त्वरित कदम उठाते हुए बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया.

900 बीघा वनभूमि मुक्त कराने के लिए 250 पुलिसकर्मी थे डिप्लॉय 

रिपोर्ट कहती है कि वन विभाग ने चाचौड़ा तहसील की 900 बीघा वनभूमि मुक्त कराने के लिए मौके पर 250 पुलिसकर्मी, वज्र वाहन, अग्निशमन वाहन, एंबुलेंस, और अश्रु गैस का दस्ता तैनात किया था, ताकि किसी भी विपरीति परिस्थिति में अतिक्रमणकारियों से निपटा जा सके.

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अतिक्रमण के खिलाफ इस बड़ी कार्रवाई के लिए गुना वन विभाग ने राजगढ़, ब्यावरा, सुठालिया, राघोगढ़ और राजस्थान के मनोहरथाना से मशीनरी और मानव संसाधन जुटाए गए थी और 900 बीघा वनभूमि मुक्त कराने में सफलता पाई.

लगातार हो रही है वनभूमि पर अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई

अतिक्रमित वनभूमि के खिलाफ कार्यवाही बीनागंज रेंज के रेंजर सौरभ द्विवेदी की अगुवाई में यह 12वीं बड़ी कार्रवाई थी. इससे पहले पागड़ीघटा में 200 बीघा, बटावदा में 150 बीघा, चारणपुरा में 80 बीघा, सागोडिया में 90 बीघा, और चाचौड़ा में 15 बीघा बहुमूल्य वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जा चुका है.

साल 2016 में अतिक्रमण हटाने पर हुआ था बड़ा हमला

उल्लेखनीय है साल 2016 में कमलपुर क्षेत्र में वन भूमि से कब्जा हटाने के दौरान वन विभाग के अमले पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया था. उस समय झगड़े और हिंसा के कारण कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी थी. इस बार, प्रशासन और पुलिस के बेहतर समन्वय के कारण कार्रवाई बिना किसी बाधा के सफल रही.

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सूत्रों के अनुसार, बीनागंज रेंज में अवैध कब्जों की समस्या वर्षों पुरानी है. अधिकांश अतिक्रमण नियमानुसार बेदखली प्रक्रिया पूरी करने के बाद हटाए गए. इस बार की कार्रवाई ने प्रशासन, पुलिस और वन विभाग के बीच बेहतर तालमेल का उदाहरण प्रस्तुत किया.

वन भूमि से अवैध कब्जे हटाने के लिए गठित किया टास्क फोर्स

मध्य प्रदेश सरकार ने वन भूमि से अवैध कब्जे हटाने के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया है. इसमें कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, और वन मंडल अधिकारी शामिल हैं. टास्क फोर्स की मासिक बैठक में प्रस्ताव पारित कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है. बीनागंज रेंज में इस प्रक्रिया का कुशलता से पालन किया गया.

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