कहानी IPS अभिजीत कुमार रंजन की, जिनसे अपराधी खाते हैं खौफ

अभिजीत कुमार रंजन की स्कूली पढ़ाई दार्जिलिंग के सेंट पॉल स्कूल से हुई. बाद में उन्होंने आरएमआर स्कूल पटना से हायर सेकंडरी की परीक्षा उत्तीर्ण की, जिसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से विज्ञान संकाय से स्नातक की डिग्री हासिल की. स्नातक के बाद अभिजीत ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से मास्टर डिग्री प्राप्त की.

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मध्य प्रदेश के कटनी में मादक पदार्थो के खिलाफ कई सफल ऑपरेशन चलाने वाले 2014 के आईपीएस अधिकारी अभिजीत कुमार रंजन की कहानी काफी प्रेरणादायक है. SP के तौर पर अपनी सेवाएं देते हुए उन्होंने मादक पदार्थो के खिलाफ अभियान चलाया. इतना ही नहीं, डकैती और हत्या जैसे अपराधों के खिलाफ भी उन्होंने कई सफल अभियान चलाकर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की.

अभिजीत कुमार रंजन की स्कूली पढ़ाई दार्जिलिंग के सेंट पॉल स्कूल से हुई. बाद में उन्होंने आरएमआर स्कूल पटना से हायर सेकंडरी की परीक्षा उत्तीर्ण की, जिसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से विज्ञान संकाय से स्नातक की डिग्री हासिल की. स्नातक के बाद अभिजीत ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से मास्टर डिग्री प्राप्त की.

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जिले में पदभार ग्रहण करते ही पुलिस अधीक्षक ने मादक पदार्थो के खिलाफ अभियान छेड़कर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए वाहन समेत करीब सवा 2 क्विंटल गांजा जब्त करने में सफलता पाई. साथ ही शहर में आरोपियों को एक सप्ताह के अंदर गिरफ्तार कर डकैती और हत्या का खुलासा किया.

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बता दें कि अभिजीत कुमार रंजन 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी है. कटनी में वे 19वें पुलिस अधीक्षक के रूप में वर्तमान में सेवाएं दे रहे हैं. हालांकि आईपीएस अधिकारी बनने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग ग्वालियर में रही. फिर रीवा, उज्जैन, सिंगरौली में उन्होंने कार्यभार संभाला.

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'आम जनों की सुविधाओं पर काम होना चाहिए'
सरकारी विभाग में वर्क कल्चर को लेकर आईपीएस अधिकारी अभिजीत कुमार रंजन ने कहा कि वर्क में सुधार सदैव बनाये रखना चाहिए. आम जन की सुविधाओं पर काम होना चाहिए. यदि कम्युनिकेशन गैप है तो उसे खत्म करके कार्य में स्पीड, कम्युनिकेशन और डिलीवरी के साथ कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने का प्रयास करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमेशा यह भी देखना चाहिए कि जनता खुश है या नहीं.

'लॉन्ग टर्म के आधार पर निर्णय लेना आवश्यक'
अभिजीत कुमार रंजन ने कहा कि किसी भी कार्य पर परेशानी आने पर सबसे पहले कार्य का स्वरूप और उसका विश्लेषण होना चाहिए. जिससे वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार संवाद बनाने में हो रही परेशानी आसानी से दूर होती है. किसी भी चीज को शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म के आधार पर निर्णय लेना आवश्यक है, जिससे समस्या का समाधान भी दीर्घकालिक होता है.

पुलिस अधीक्षक रंजन के मुताबिक, छुटियों में उन्हें किताबें पढ़ना, न्यूज देखना, खास कर किसी भी विषय पर डिबेट्स हो रहे है वो काफी पसंद है. उनकी दिलचस्पी लिटरेचर में भी काफी है. वो अक्सर सोशल और क्राइम से रिलेटेड विषयों को समय निकालकर पढ़ते हैं. इसके अलावा बैडमिंटन खेलना काफी पसंद करते थे.

साल 2018 में उज्जैन में हुए दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प को सुलझाने में अभिजीत कुमार रंजन का काफी योगदान रहा था. दरअसल, गणेश उत्सव के दौरान दो पक्षों के बीच झड़प होकर दंगे शुरू हो गए थे. हालांकि, अभिजीत कुमार द्वारा दोनों पक्षों के बीच सामंजस्य बैठाकर शांति बहाली की गई थी. सबसे बड़ी चुनौती को लेकर अभिजीत कुमार कहते हैं कि वर्तमान में कटनी जिले में उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती के रूप में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर है. हालांकि, हमारा प्रयास रहेगा कि चुनाव निष्पक्षता के साथ शांतिपूर्वक सम्पन्न हो.ॉ

'महिलाओं को न्याय दिलाना काफी अहम'

जिला पुलिस अधीक्षक के तौर पर अभिजीत कुमार ने अपना काफी योगदान दिया है. उन्होंने क्राइम कंट्रोल और अपराधों की पड़ताल करके सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही सामाजिक दुर्भावनाओं को दूर करना, लड़कियों, महिलाओं की समाजिक भूमिका को गति और न्याय दिलाना जैसे प्रमुख मुद्दों पर काम किया. इसके अलावा उनका हमेशा प्रयास रहता है कि सीएम हेल्पलाइन में सही समय में समस्या का निराकरण हो, क्योंकि उनका मानना है कि यदि सीएम हेल्पलाइन का सही समय में निराकरण हो जाए तो उससे जुड़ी घटनाएं रुक सकती है और यह रुकती भी है.

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