मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के लिए गुरुवार यानी 21 सितंबर का दिन बेहद खास रहा. इस दिन प्रदेश को आध्यात्म में एक बड़ी सौगात मिली. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने खंडवा में देशभर से आए हजारों साधु-संतों की मौजूदगी के बीच आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ वननेस' (Statue of Oneness) का अनावरण किया. इस प्रतिमा की लागत करीब 200 करोड़ रुपये बताई जा रही है. इसे बनाने का काम करीब पांच साल से चल रहा था.
इस प्रतिमा को कई किमी दूर से भी देखा जा सकेगा.
यह अनावरण ओंकारेश्वर के मांधाता पर्वत पर हुआ है. आदि शंकराचार्य (Adi Shankaracharya) की प्रतिमा के अनावरण के साथ-साथ सीएम शिवराज सिंह चौहान ने खंडवा के ओंकारेश्वर में अद्वैत लोक (Foundation stone of Advaita Lok) का शिलान्यास भी किया.
जैसे ही सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) संतों के साथ यहां पहुंचे तो उनका केरल के पारंपरिक नृत्य कथकली के साथ जोरदार स्वागत किया गया.
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी साधु संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया और आदि गुरु शंकराचार्य को साष्टांग दण्डवत होकर प्रणाम किया.
कार्यक्रम को निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए विद्वान पंडितों ने मंत्रोच्चार भी किया. कार्यक्रम स्थल पर करीब 5 हजार संत, महंत व प्रतिनिधि मौजूद थे. स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज के साथ स्वामी परमात्मानंद, स्वामी स्वरूपानंद और स्वामी तीर्थानंद मौजूद थे. कार्यक्रम के दौरान खंडवा में बारिश भी शुरू हो गई थी, लेकिन इस बीच भी मंत्रोच्चार हुआ.
बता दें कि आदि शंकराचार्य (Adi Shankaracharya) ने 12 साल की आयु में ओंकारेश्वर से ही अखंड भारत में वेदांत के लोकव्यापीकरण के लिए प्रस्थान किया था. इसलिए ओम्कारेश्वर के मान्धाता पर्वत पर 12 साल के बालस्वरुप आचार्य शंकर की प्रतिमा की स्थापना की गई है. इस योजना के प्रथम चरण में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा बनाई गई है, जबकि शेष कार्यो के लिए भूमिपूजन किया गया है.
इस प्रतिमा का निर्माण एलएनटी कंपनी ने किया है. सोलापुर महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मूर्तिकार भगवान रामपुरा ने इस मूर्ति को उकेरा है. मूर्ति हेतु बाल शंकर का चित्र मुंबई के विख्यात चित्रकार वासुदेव कामत ने साल 2018 में बनाया था. मूर्ति निर्माण के लिए साल 2017-18 में संपूर्ण मध्यप्रदेश में एकात्म यात्रा भी निकाली गई थी, जिसके माध्यम से प्रदेश की 27 हजार ग्राम पंचायतों से मूर्ति निर्माण के लिए धातु संग्रहण और जनजागरण का अभियान भी चलाया गया था.
इस अवसर पर देशभर की शैव परंपरा के नृत्यों की प्रस्तुतियों के साथ ही आचार्य प्रतिवर्तित पंचायतन पूजा परंपरा का भारतीय प्रदर्शनकारी शैलियों के कलाकारों द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया.
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