भोपाल में बनेगा प्रदेश का पहला बायो डायवर्सिटी पार्क, 100 हेक्टेयर क्षेत्र में होगी स्थापना

भोपाल में वन विभाग की करीब 100 हेक्टेयर क्षेत्र में स्टेट ऑफ द आर्ट के सहयोग से बनने वाले बॉयो डायवर्सिटी पार्क बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है. यह मध्य प्रदेश का पहला और संभवत: देश का पहला बॉयो डायवर्सिटी पार्क होगा, जो शहर के बीच में बनेगा.

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STATE'S FIRST BIODIVERSITY PARK, BUILT IN SHAHPURA, BHOPAL MP

First Bio Diverstiy Park: राजधानी भोपाल में जल्द वन विभाग की 100 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रदेश का पहला बॉयो डायवर्सिटी पार्क बनने जा रहा है. प्रस्तावित जैव विविधता पार्क राजधानी के शाहपुरा और श्रीलंका की पहाड़ियों पर बनेगा. शहर में बनने वाले देश क पहले बायो डायवर्सिटी पार्क बनाने की कवायद जल्द पूरी कर ली जाएगी.

भोपाल में वन विभाग की करीब 100 हेक्टेयर क्षेत्र में स्टेट ऑफ द आर्ट के सहयोग से बनने वाले बॉयो डायवर्सिटी पार्क बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है. यह मध्य प्रदेश का पहला और संभवत: देश का पहला बॉयो डायवर्सिटी पार्क होगा, जो शहर के बीच में बनेगा.

गौरतलब है प्रदेश के पहले बायो डायवर्सिटी पार्क की जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव वन व पर्यावरण अशोक वर्णवाल ने बताया कि भोपाल के शाहपुरा और श्रीलंका के पहाड़ी क्षेत्र में बनेगा. बायो डायवर्सिटीज पार्क पर प्रतिक्रिया देते हुए सीएम मोहन ने इसे देश का मॉडल बॉयो डायवर्सिटी पार्क बनाने के निर्देश दिए हैं. 

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने इस अहम जानकारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बॉयो डायवर्सिटी पार्क को देश का मॉडल बॉयो डायवर्सिटी पार्क बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि भोपाल शहर को जैव विविधता के संरक्षण के मामले में एक नई पहचान देने वाले इस नवाचार के लिए सभी कार्यवाहियां तेजी से पूरी की जाएं.

अपर मुख्य सचिव वर्णवाल ने इस दौरान बताया कि बड़े तालाब में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही मानसून अवधि के बाद की जाएगी. उन्होंने बताया कि प्रदेश में प्रदूषण फैलाने वाले यानी लाल श्रेणी के उद्योगों की संख्या घट गई है, इससे पर्यावरण और बेहतर हुआ है.

सीएम मोहन सोमवार को पर्यावरण विभाग की गतिविधियों की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण की शुद्धता से ही हम सबका जीवन सुरक्षित रह सकता है और यह संदेश समाज तक भी पूरी जिम्मेदारी से पहुंचना चाहिए. उन्होंने कहा कि पर्यावरण की बेहतरी केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज को भी आगे आना होगा.

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जानकारी के मुताबिक नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत मध्य प्रदेश के पहले से शामिल 7 शहरों के अलावा 3 नए शहरों मंडीदीप, सिंगरौली और पीथमपुर को भी शामिल करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है. मुख्यमंत्री ने उज्जैन स्थित विक्रम उद्योगपुरी में भी प्रदूषण नियंत्रण के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई जाए.

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