CM मोहन यादव ने किसानों को दिया बड़ा दिवाली गिफ्ट, अब इस काम के लिए मिलेगी 90% सब्सिडी

CM Mohan Yadav: मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मुख्यमंत्री निवास नहीं, किसानों का अपना आवास है. जब चाहें, यहां आयें. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल सोयाबीन के लिए 2 लाख किसानों का पंजीयन हुआ था, भावांतर योजना दोबारा शुरू होने पर 9 लाख से अधिक सोयाबीन उत्पादक किसानों से पंजीयन करा लिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि लाड़ली बहनों को इसी भाई दूज से 250 रुपए अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा.

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CM मोहन यादव ने किसानों को दिया बड़ा दिवाली गिफ्ट, अब इस काम के लिए मिलेगी 90 प्रतिशत सब्सिडी

Solar Pump Yojana MP: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) शनिवार को सीएम हाउस में 'सोयाबीन पर भावांतर भुगतान को लेकर' आयोजित किसान आभार सम्मेलन में दिवाली से पहले किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारे किसान भाई ही मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. किसानों का हित हमारे लिए सर्वोपरि है. सरकार का हर निर्णय किसानों के कल्याण को ध्यान में रखकर लिया जा रहा है. किसानो की भलाई के लिए हमारी सरकार हर जरूरी कदम उठायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर संभव तरीके से किसानों की आय बढ़ाकर उनकी माली हालत मजबूत करने के लिए प्रयासरत है. भावांतर योजना किसानों को खुले बाजार में फसलों की कीमतों के उतार-चढ़ाव से सुरक्षा देती है. यह योजना किसान हित में सरकार की एक बड़ी पहल है. 

90 फीसदी अनुदान का ऐलान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सूखे खेत को अगर पानी दे दिया जाये, तो फसल सोना हो जाती है, हम प्रदेश के हर खेत तक पानी पहुंचायेंगे. मध्यप्रदेश के अन्नदाता अब ऊर्जादाता बन रहे हैं. किसान भाई अपने खेतों में सोलर पंप जरूर लगाएं. सोलर पंप लगाने से बिजली के अस्थाई कनेक्शन के खर्च से मुक्ति मिलेगी. मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि सोलर पॉवर पंप स्थापना के लिये किसानों को अब 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी. पहले 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती थी. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को विद्युत पंप से एक स्टेप अधिक पॉवर केपिसिटी का सोलर पॉवर पंप दिया जायेगा अर्थात् 3 HP वाले किसान को 5 HP का सोलर पॉवर पंप और 5 HP वाले किसान को 7.5 HP का सोलर पॉवर पंप दिया जायेगा. मुख्यमंत्री ने किसान आभार सम्मेलन में पारम्परिक वेशभूषा में सांस्कृतिक प्रस्तुति देने वाले सभी कलाकारों को 5-5 हजार रूपए देने की घोषणा भी की.

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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसान भाइयों की मेहनत से ही प्रदेश की जीडीपी में कृषि 39 प्रतिशत से अधिक का योगदान देती है. किसान भाई सच्चे अर्थों में मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. उन्होंने कहा कि खाद्यान्न, दलहन, तिलहन, फलों और सब्जियों के उत्पादन की दृष्टि से मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है. प्लांट बेस्ड प्रोटीन के उत्पादन के मामले में भी हम कम नहीं हैं. संतरा, मसाले, लहसुन, अदरक और धनिया उत्पादन में मध्यप्रदेश नंबर वन है. मटर, प्याज, मिर्च, अमरूद उत्पादन में दूसरे तथा फूल, औषधीय एवं सुंगधित पौधों के मामले में तीसरे स्थान पर मध्यप्रदेश है. उन्होंने कहा कि आज मध्यप्रदेश सोयाबीन स्टेट, मिलेट्स स्टेट, मसाला स्टेट, लहसुन स्टेट और संतरा स्टेट के रूप में प्रसिद्ध होकर देश का फूड बास्केट कहलाने लगा है.

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गोवर्धन पूजा धूमधाम से मनाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी गोपालक किसान धूमधाम से गोवर्धन पूजा का त्यौहार मनाएं. राज्य सरकार शासकीय स्तर पर गोवर्धन पूजा का त्यौहार मनाएगी. प्रदेश में प्रभु श्रीराम के ओरछा धाम को भव्य रूप दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राम वन गमन पथ भी विकसित कर रहे हैं. भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े हर स्थान को तीर्थ के रूप में विकसित कर रहे हैं. किसान भाई अपने बच्चों को पढ़ाएं. हमें अपने दोस्तों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मुख्यमंत्री निवास नहीं, किसानों का अपना आवास है. जब चाहें, यहां आयें. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल सोयाबीन के लिए 2 लाख किसानों का पंजीयन हुआ था, भावांतर योजना दोबारा शुरू होने पर 9 लाख से अधिक सोयाबीन उत्पादक किसानों से पंजीयन करा लिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि लाड़ली बहनों को इसी भाई दूज से 250 रुपए अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा.

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भावांतर भुगतान पर भी हुई बात

कृषि, सहकारिता और विपणन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने सोयाबीन उत्पादक किसानों को भावांतर योजना की प्रक्रिया, पंजीयन और तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (5328 रुपए प्रति क्विंटल) से फसल के बिक्री मूल्य के वास्तविक अंतर की राशि के लाभ वितरण की व्यवस्था के बारे में विस्तार से जानकारी दी. किसान सम्मेलन में बताया गया कि भावांतर योजना के अंतर्गत सोयाबीन उत्पादक किसान 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक अपनी उपज कृषि उपज मंडियों में विक्रय कर सकेंगे. फ़सल बेचने के बाद भावांतर की राशि मात्र 15 दिनों के भीतर सीधे किसानों के आधार से लिंक बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी. कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भावांतर योजना के लिए किसानो द्वारा ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन की प्रक्रिया 17 अक्टूबर तक पूरी की जा चुकी है.

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