Gondbehera Ujjaini Underground Coal Project: मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र के सिंगरौली जिले में बरगवां तहसील इलाके में प्रस्तावित गोंडबहेरा उज्जैनी ईस्ट कोयला खदान जल्दी ही शुरू होगी. इसके लिए मझौली गांव में पर्यावरणीय परमिशन लेने के लिए जनसुनवाई आयोजित की गई. इसमें उन चार गांवों के 2000 ग्रामीणों ने भाग लिया जो इस खदान के चलते प्रभावित होंगे. उनके साथ हुई यह जनसुनवाई सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई, क्योंकि उन्होंने इस प्रोजेक्ट का खुलकर समर्थन किया.
NDTV से बातचीत में स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि भूमिगत कोयला खदान से प्रदूषण नहीं के बराबर होगा. प्रोजेक्ट स्थापित होने से यहां के स्थानीय वाशिन्दों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे और इस क्षेत्र का विकास होगा.
अंडर ग्राउंड होगी गोंडबहेरा कोल माइन
भारत सरकार के कोयला मंत्रायलय ने गोंडबहेरा कोल माइंन के लिए कमर्शियल माइनिंग के तहत 2022 में बोली लगवाई थी. इसमें स्पर्धात्मक बोली लगाकर अदाणी समूह की कंपनी महान एनजेंन लिमिटेड ने टेंडर लिया है. यह एक भूमिगत कोयला खदान है, जो जिले के चार गांव उज्जैनी, कुंदा, पचौर, मझौली के 1130 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तृत है. हालांकि भूमिगत खदान होने के कारण गोंड़बहेरा उज्जैनी परियोजना के संचालन के लिए सिर्फ 34 हेक्टेयर राजस्व जमीन की जरूरत होगी.
ऊर्जा क्षेत्र की इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय निर्धारित मानकों के आधार पर वायु गुणवत्ता, जल गुणवत्ता, जल संसाधन, ध्वनि स्तर, भूमि पर्यावरण, मृदा की गुणवत्ता के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया गया और पाया कि सभी निर्धारित मानकों के सीमा के अनुरूप हैं और समुचित पर्यावरणीय प्रबंधन योजना का प्रावधान भी रखा गया है.
51 वर्षों तक चलेगी कोल माइन परियोजना
यह परियोजना 51 वर्षों तक चलेगी, जिसमें आधुनिक तकनीक से भूमिगत उत्खनन द्वारा कोयला उत्पादन किया जाएगा. प्रति वर्ष कोयला उत्पादन की क्षमता 30 लाख टन है. इस खनन परियोजना के संचालन के दौरान पर्याप्त मात्रा में रोजगार का सृजन होगा. वहीं इस परियोजना से मध्य प्रदेश सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी. महान एनरजेंन लिमिटेड ने स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था के लिए विस्तार से योजना बनाई है.