‘कलेक्टर साहब… मास्टर साहब ने हमारी किताब बेच खाई’, बच्चों की गुहार से गूंजा जनसुनवाई कक्ष

शिवपुरी जिले की Umri Kala प्राथमिक विद्यालय में एक teacher पर आरोप है कि उन्होंने free textbook distribution की किताबें कबाड़ी को sold as scrap कर दीं. बच्चों-अभिभावकों द्वारा दर्ज viral book-selling teacher video ने education corruption और misuse of free textbooks पर नई बहस छेड़ दी है.

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School Teacher Sells Books: शिवपुरी जिले से शिक्षा व्यवस्था को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. पिछोर तहसील के उमरी कला गांव में सरकारी स्कूल के शिक्षक पर बच्चों की पढ़ाई की किताबें रद्दी में बेच देने का आरोप लगा है. इस घटना से नाराज स्कूली बच्चे और उनके अभिभावक खुद जिला मुख्यालय पहुंचे और कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई. बच्चों ने कहा कि “कलेक्टर साहब, मास्टर साहब ने हमारी किताबें बेच डालीं.”

वीडियो में किताबें बेचते नजर आया शिक्षक

जानकारी के मुताबिक, उमरी कला के प्राथमिक विद्यालय में पदस्थ शिक्षक किशनलाल शिवहरे का एक वीडियो वायरल हुआ है. इस वीडियो में वह स्कूल की बच्चों की किताबें एक कबाड़ी को रद्दी के भाव में बेचते हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा फैल गया, लेकिन मामला दबाने की कोशिश भी की गई.

बच्चों ने लगाई कलेक्टर से गुहार

जनसुनवाई के दौरान छोटे-छोटे बच्चों ने कलेक्टर से कहा कि उन्हें आज तक पढ़ाई के लिए किताबें नहीं दी गईं. जिन किताबों की उन्हें जरूरत थी, मास्टर साहब ने वही कबाड़ी को बेच दीं. बच्चों की मासूम गुहार सुनकर जनसुनवाई कक्ष में मौजूद अधिकारी और लोग हैरान रह गए.

ग्रामीणों ने की शिक्षक के खिलाफ शिकायत

गांव के अभिभावक और ग्रामीण भी बच्चों के साथ जिला मुख्यालय पहुंचे. उन्होंने कलेक्टर को बताया कि यह कोई पहली बार नहीं है, शिक्षक अक्सर स्कूल में मनमानी करता है. ग्रामीणों ने बताया कि वीडियो वायरल होने के बावजूद स्थानीय स्तर पर इस मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है.

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जांच और कार्रवाई की मांग

ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से इस पूरे मामले की जांच कर दोषी शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. उनका कहना है कि बच्चों की शिक्षा से जुड़ी ऐसी लापरवाही माफ नहीं की जानी चाहिए. प्रशासन ने शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू करने का भरोसा दिलाया है.

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शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

यह मामला एक बार फिर सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है. जहां एक ओर सरकार बच्चों को मुफ्त किताबें उपलब्ध कराती है, वहीं कुछ लापरवाह शिक्षक उन्हीं किताबों को बेचकर अपने फायदे का सौदा कर रहे हैं. अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस शर्मनाक घटना पर कितनी सख्ती से कार्रवाई करता है.

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