ये है एमपी का अनोखा परीक्षा केंद्र! यहां पैदल चलना बड़ी चुनौती, ट्रैक्टर ट्राली से होता है सफर

JU Examination Center: शिवपुरी जिले की बदरवास तहसील के अंतर्गत जीवाजी विश्वविद्यालय के एक परीक्षा केंद्र का हाल बेहाल है. रास्ता न होने की वजह से छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इस बीच छात्रों ने परीक्षा केंद्र तक पहुंचने के लिए ट्रैक्टर-ट्राली की मदद ली.

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ये है का अनोखा परीक्षा केंद्र! यहां पैदल चलना बड़ी चुनौती, ट्रैक्टर ट्राली से होता है सफर.

MP News In Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शिवपुरी (Shivpuri) जिले की बदरवास तहसील के अंतर्गत जीवाजी विश्वविद्यालय के परीक्षा केंद्र की राह आसान नहीं है. क्योंकि यहां परीक्षा केंद्र को बदहाल सूरत में छोड़ दिया गया है. परीक्षा केंद्र के लिए जो रास्ता है, वहां पैदल चलना भी चुनौतीपूर्ण है. बारिश की वजह से रास्ते में कीचड़ है, गड्ढे हैं, जिन पर पानी भरा हुआ है. यही वजह है कि गुरुवार को परीक्षा केंद्र तक जाने के लिए छात्रों को ट्रैक्टर ट्राली की मदद लेनी पड़ी.

ग्रामीणों ने की मदद

जीवाजी विवि. के इस परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में होने वाली परेशानियों को लेकर छात्रों ने गुस्सा जाहिर किया. सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें साझा की. अब ये तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं. परीक्षा केंद्र तक पहुंचने का 700 मीटर का रास्ता इतना दूभर है कि यहां से आने-जाने वालों का पसीना छूट रहा है. अच्छी बात ये रही कि छात्रों की परेशानी को समझते हुए ग्रामीणों ने मदद की.ट्रैक्टर ट्राली से किसी प्रकार परीक्षा केंद्र तक पहुंचाया. 

 "एग्जाम के पहले रास्ता दुरुस्त करना चाहिए था"

छात्रों ने कहा कि "परीक्षा केंद्र शिवपुरी जिले के बदरवास तहसील में ही क्यों बनाया गया जब रास्ता नहीं था. कॉलेज रोड पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं. कच्चा रास्ता है. ऐसे में बारिश के दिनों में शासन को परीक्षा कराने से पहले कम से कम रास्ते को दुरुस्त करना चाहिए था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ."

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छात्र परीक्षा केंद्र के बाहर 700 मीटर दूर खड़े रहे

मौसम विभाग ने पिछले तीन दिनों के लिए शिवपुरी में भारी बारिश की चेतावनी दी है. गुरुवार को छात्रों की परीक्षा थी. छात्र परीक्षा केंद्र के बाहर 700 मीटर दूर खड़े थे. रास्ता इतना खराब था कि वहां पहुंचे कैसे? छात्रों को लगा कि कोई जिम्मेदार निश्चित तौर पर इसका हल निकालेगा.लेकिन किसी ने कोई खबर नहीं ली. जब कुछ छात्रों ने वहां जाने की कोशिश की और वो वहां नहीं पहुंच पाए. फिर ग्रामीणों को छात्रों पर तरस आई. गांव वालों ने छात्रों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचाया. 

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