Exclusive: न रिपोर्ट लिखी जाती है न थानेदार हैं, फिर भी नाम है 'ब्रम्हा थाना', ये है इसकी रोचक कहानी 

Bramha Thana Village: मध्य प्रदेश के शिवपुरी में एक ऐसा थाना है जहां ना रिपोर्ट लिखी जाती है और न ही कोई थानेदार है. लेकिन गांव के लोगों ने गलत काम किया तो सजा मिलती है. आइए जानते हैं पूरी कहानी... 

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Bramha Thana Village Shivpuri: मध्य प्रदेश के  शिवपुरी जिले के एक ऐसे थाना के बारे में आपको बताने जा रहे हैं.  अपने नाम से पुलिस अधिकारियों को भी कंफ्यूज कर देता है. लेकिन सच्चाई यह है कि ना तो यहां कोई थानेदार है ना कोई रिपोर्ट लिखी जाती फिर भी इसका नाम है ब्रह्म थाना. आइए जानते हैं इसके पीछे आखिर क्या कहानी है? 

ये है कहानी

दरअसल जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर बदरवास तहसील के अंतर्गत आने वाले एक गांव का नाम ब्रह्मा थाना है. कहा जाता है कि किसी जमाने में यहां ब्राह्मण परिवार रहा करते थे और वह इलाके के लोगों के लिए न्याय करते थे. लेकिन आज यहां एक भी ब्राह्मण परिवार नहीं रहता. आखिर क्यों?

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इन सब सवालों का जवाब जानने के लिए देखिए NDTV की ग्राउंड जीरो से एक्सक्लूसिव रिपोर्ट...

हमें खबर मिली के शिवपुरी जिले में एक ऐसा गांव है  जिसका नाम ब्रह्म थाना है मन में जिज्ञासा जागी की आखिर ऐसा है तो क्यों हमारी टीम गांव के लिए रवाना हो गई. NH 46 पर सफर करते हुए हम शिवपुरी से गुना की तरफ आगे बढ़ रहे थे तभी गांव का साइन बोर्ड दिखाई दिया अब तो मन में और ज्यादा सवाल खड़े होने लगे पूछते-पूछते हम आगे बड़े और गांव पहुंच गए जिसका नाम था ब्रह्म थाना. लेकिन यहां तो कोई थाना था ही नहीं बस थे तो साधारण से गांव के लोग और वही गांव की कुछ गांव के जैसी ही तस्वीरें... तो फिर इसका नाम ब्रह्म थाना क्यों था........

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 यहां के लोग कहते हैं कि यहां का अपना एक कानून है और कोई भी ना तो मांस खा सकता है ना शराब पी सकता है और ना गलत काम कर सकता है और यह कहने की बात नहीं बल्कि यहां का बच्चा-बच्चा यहां के कानून का पालन करता है. यहां रहने वाले लोग तो बड़े दावे के साथ कहते हैं कि अगर कोई यहां के कानून को तोड़ता है तो यहां मौजूद ब्रह्म थाने के न्यायाधीश उसे दंडित करते हैं.

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 हमने गांव वालों से बात की तो उन्होंने बताया कि एक जमाना था कि यहां पर ब्रह्मा  गौड़ मतलब ब्राह्मण परिवार के लोग रहा करते थे और इस गांव से लगे हुए आसपास के जो 84 गांव थे. वहां से लोग अपनी समस्याओं के निदान और न्याय के लिए यहां पहुंचते थे. जहां एक चबूतरे पर बैठकर ब्रह्म गौड़ चौपाल लगाकर न्याय करते थे.

गांव वाले कहते हैं कि इस जगह की महिमा दूर-दूर तक है. आसपास के गांव और मध्य प्रदेश के साथ देश भर के कई शहरों से यहां श्रद्धालु पहुंचते हैं और पूरे विश्वास के साथ अपना माथा टेकते हैं और उनके न्याय पर विश्वास करते हैं.

गांव वालों का विश्वास है कि ब्रह्म गौड़ अब यहां भले ही नहीं रहते हो लेकिन उनकी मूर्ति और उनके न्याय का स्थान चबूतरा सबके साथ आज भी न्याय करता है .जिस स्थान पर हम पहुंच कर ब्रह्म गौड़ के न्याय स्थल को समझ रहे थे. जान रहे थे वहां वास्तव में उनके घोड़े पर सवार कई आकर्षक प्रतिमाएं थी. जिनके आसपास ग्रामीण श्रद्धा के साथ माथा टेक रहे थे.

ग्रामीणों का ये दावा भी 

इस इलाके में रहने वाले ग्रामीण दावा करते हैं कि यह पूरा इलाका उस समय पारोन के राजा की रियासत में आता था. यहां मौजूद ब्राह्मण परिवार के मुखिया ब्रह्मा गौड़ के पास एक बहुत आकर्षक और शक्तिशाली घोड़ा था जो राजा को पसंद आ गया और राजा ने उनसे घोड़ा मांग लिया. लेकिन ब्रह्मा गौड़ ने राजा को यह घोड़ा नहीं दिया. जिस वजह से राजा नाराज हो गए और इनको देश निकाला दे दिया. तब से यहां कोई भी ब्राह्मण परिवार नहीं रहता है. 

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