MP News: धाम में दिखे 'फरार' प्रभारी मंत्री, किसानों के बीच नहीं पहुंचे; कांग्रेस विधायक ने तलाशी के लिए रखा 11 हजार का इनाम

श्योपुर जिले में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने प्रभारी मंत्री राकेश शुक्ला की अनुपस्थिति पर सवाल उठाते हुए 11 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था, अगर कोई उन्हें ढूंढकर लाएगा.

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श्योपुर जिले के किसान बेमौसम बारिश से तबाह हुई फसलों के मुआवजे के लिए सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं. वहीं, जिले के प्रभारी मंत्री और भिंड जिले के मेहगांव से विधायक राकेश शुक्ला किसानों की पीड़ा से बेपरवाह धार्मिक कार्यक्रमों में व्यस्त नजर आ रहे हैं. श्योपुर में कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने उनकी अनुपस्थिति को लेकर नाराजगी जताते हुए मंत्री की तलाश पर 11 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया. इनाम की घोषणा के अगले ही दिन राकेश शुक्ला भिंड जिले के दंदरौआ धाम में चल रहे सिया-पिया मिलन कार्यक्रम में शिरकत करते दिखाई दिए.

किसानों की पीड़ा पर मंत्री की खामोशी

श्योपुर जिले में बीते दिनों हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं. धान और खरीफ की फसल खेतों में ही सड़ गई. किसानों ने शासन से मुआवजे की मांग की, लेकिन प्रभारी मंत्री न तो मौके पर पहुंचे और न ही किसी किसान से मिले. इस लापरवाही के विरोध में कांग्रेस के विधायक बाबू जंडेल और अन्य कांग्रेस नेताओं ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है. यह आंदोलन किसान कांग्रेस के बैनर तले श्योपुर के पटेल चौक पर चल रहा है.

कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया

भूख हड़ताल पर बैठे कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने कहा कि श्योपुर के प्रभारी मंत्री राकेश शुक्ला गायब हैं. किसानों की पीड़ा जानने की फुरसत नहीं है. मंत्री जी फरार है. अगर कोई उन्हें ढूंढकर लाएगा तो मैं उसे 11 हजार रुपए का इनाम दूंगा.

उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री का किसानों से कोई सरोकार नहीं रह गया है. जब जिले में हजारों किसान बारिश और फसल नुकसान से जूझ रहे हैं, तब प्रभारी मंत्री धार्मिक आयोजनों में व्यस्त हैं.

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धार्मिक आयोजन में नजर आए मंत्री

विवाद के बीच रविवार को राकेश शुक्ला भिंड जिले के दंदरौआ धाम में चल रहे आठ दिवसीय सिया-पिया मिलन समारोह में शिरकत करते नजर आए. कार्यक्रम में वे श्रद्धालुओं से मिलते-जुलते और मंच पर उपस्थित रहे. उनकी मौजूदगी के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए, जिसके बाद विपक्ष ने उन्हें “फरार मंत्री” बताते हुए घेरा.

किसानों की प्रमुख मांगें

बारिश से नष्ट हुई फसलों का तत्काल सर्वे कर मुआवजा वितरण किया जाए.
किसानों के बिजली बिल माफ किए जाएं.
केसीसी ऋण माफी की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए.
विधुत विभाग द्वारा किसानों पर दर्ज सभी मुकदमे वापस लिए जाएं.

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धरना जारी, चेतावनी दी कांग्रेस ने

कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक धरना और भूख हड़ताल समाप्त नहीं होगी. धरना स्थल पर रोजाना बड़ी संख्या में किसान और ग्रामीण पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन किसानों के अधिकारों की लड़ाई है और जब तक सरकार उनकी बात नहीं सुनती, आंदोलन जारी रहेगा.

किसानों के बीच मंत्री की अनुपस्थिति पर उठे सवाल

श्योपुर के लोगों का कहना है कि प्रभारी मंत्री को जिले की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन संकट के समय वे किसानों से दूरी बनाए हुए हैं. वहीं, दंदरौआ धाम में उनकी मौजूदगी से यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या धार्मिक आयोजन राजनीतिक जिम्मेदारी से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं?

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