Sharad Purnima 2024: पुरानी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन आसमान से अमृत बरसता है. यही वजह है कि हर शरद पूर्णिमा पर लोग अपनी घर की छतों पर दूध से बनी खीर बनाकर रात भर रखते हैं और सुबह उसका सेवन करते हैं, लेकिन इस किवंदिती को दतिया जिले में पिछले 96 वर्षों से बुंदेला परिवार साकार कर रहा है. हर साल शरद पूर्णिमा के दिन बुंदेला परिवार का व्याना हाउस अमृत बांटता है, जिसे श्वास और अस्थमा रोगियों के लिए वरदान कहा जाता है.
सांस संबंधी रोगों के लिए रामबाण है अमृत
रिपोर्ट के मुताबिक बुंदेला परिवार के व्याना हाउस में प्रत्येक वर्ष शरद पूर्णिमा के दिन वितरित होने वाला अमृत नामक दवा सांस संबंधी रोगों के लिए रामबाण है. इसके लिए पीड़ित मरीज शरद पूर्णिमा का पूरे साल इंतजार किया करते हैं. हर साल शरद पूर्णिमा के मौके पर वितरित होने वाली दवा का सेवन करने के लिए लोग व्याना हाउस पहुंचते हैं
देर रात 2:00 बजे से सुबह तक मिलता है अमृत
दरअसल, दतिया के व्याना हाउस में श्वास और दमा रोगों के मरीजों को दवा दी जाती है, जो देर रात 2:00 बजे से मिलना शुरू होता है और यह वितरण सुबह तक चलता है. अमृत पाने के लिए यहां लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर पीड़ित दवा का सेवन करने यहां पहुंचते हैं.
रोगियों को खीर के साथ दी जाती है अमृत दवा
हर साल की तरह इस साल भी बच्चों से लेकर बुजुर्गों और महिला और पुरुष ने व्याना हाउस में अमृतपान किया. व्याना हाउस से वितरित होने वाली दवा खीर के साथ रोगियों को दी जाती है. लोगों का कहना है अमृत के सेवन से दमा रोगियों को बहुत फायदा होता है.
96 वर्षों से रोगियों को दी जा रही है अमृत
वितरण आयोजन करने वाले डॉ आर बुंदेला का कहना है कि, यह दवा उनके पूर्वजों से परंपरा के रूप में स्वास्थ्य संबंधी रोगियों को लगभग 96 वर्षों से दी जा रही है. उन्होंने बताया कि उनकी तीन पीढ़ियां से दवा का वितरण चल रहा है. खीर के साथ शरद पूर्णिमा के दिन ही दवा के सेवन से रोगियों को 100% आराम मिलता है.
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अस्वीकरण: बुंदेला परिवार के व्याना हाउस से स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों को ठीक करने के लिए वितरित की जाने वाली दवा "'अमृत'' के दावों की प्रामाणिकता की पुष्टि NDTV नहीं करता है. यह लेख केवल सूचना के आधार पर संपादन के बाद अपलोड की गई है.