सड़कें हैं या खेत? सीवर प्रोजेक्ट के नाम पर खोद डाला आधा शहर, 'अव्यवस्था के दलदल' में फंसा सतना

सतना के मुख्यमार्ग को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर शहर गड्ढों में तब्दील हो चुका है. कई मोहल्लों से मोटर साइकिल का निकलना मुश्किल हो चुका है. सीवर प्रोजेक्ट के बाद सड़कों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
'अव्यवस्था के दलदल' में फंसा सतना

Satna News: सतना (Satna) शहर का हाल देखकर अंदाजा लगाना भी मुश्किल हो रहा है कि यह सड़कों का जाल है या फिर दूरस्थ गांव का कोई खेत. जिस सड़क पर नजर पड़ती है बस मिट्टी का ढेर नजर आता है. जब भी थोड़ी सी बरसात होती है पूरा शहर दलदल में तब्दील हो जाता है. पिछले एक दशक से सीवर प्रोजेक्ट (Sewer Project) के नाम पर खुदाई और खनन का खेल चल रहा है और जनता परेशान होकर भटकती रहती है. शहर के सबसे व्यस्त बाजार क्षेत्र में सीवर लाइन (Sewer Line) का काम बिना बैरिकेटिंग शुरू कर दिया गया है, जिससे लोगों को तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. 

उल्लेखनीय है कि सतना शहर में सीवर प्रोजेक्ट की शुरुआत वर्ष 2016 में की गई थी. 206 करोड़ की लागत से लाइन बिछाने का काम, जिस ठेका कंपनी को दिया गया वह अधूरा काम छोड़कर चलती बनी. अब मामले की जिम्मेदारी एन विराट और पीसी स्नेहिल को दी गई है जो शहर में कभी भी कहीं भी खुदाई शुरू कर देते हैं. मौसम विभाग के अलर्ट के बाद भी कंपनी ने बाजार क्षेत्र में सीवर लाइन का काम शुरू कर दिया. नतीजा यह हुआ कि हनुमान चौक से लेकर सुभाष पार्क का रास्ता पूरी तरह से ब्लॉक हो गया. इसके अलावा बिहारी चौक, लालता चौक, शास्त्री चौक पूरी तरह से खोदकर छोड़ दिया गया. रात में तमाम वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. 

Advertisement

यह भी पढ़ें : अयोध्या नहीं जाएंगे पूर्व CM शिवराज, प्राण प्रतिष्ठा के दिन ओरछा में करेंगे 'रामराजा' की पूजा-अर्चना

Advertisement

गड्ढों में तब्दील आधा शहर

सतना के मुख्यमार्ग को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर शहर गड्ढों में तब्दील हो चुका है. कई मोहल्लों से मोटर साइकिल का निकलना मुश्किल हो चुका है. सीवर प्रोजेक्ट के बाद सड़कों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है. रोड रिस्टोरेशन का काम ठेका कंपनी ने किया ही नहीं. इसके अलावा कई सड़कों से मिट्टी का मलबा भी नहीं हटाया गया जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

Advertisement

व्यापार हुआ चौपट

कड़ाके की ठंड में तमाम व्यापारियों का करोबार वैसे भी प्रभावित था. जो थोड़े बहुत ग्राहक आते भी थे वे अब रास्ता न होने के कारण दुकान तक नहीं आ रहे हैं. बाजार क्षेत्र की तमाम बड़ी दुकानें यहां पर मौजूद हैं लेकिन सड़क खोद दिए जाने के कारण लोग पहुंच नहीं पा रहे हैं. यह सबसे बड़ी अदूरदर्शिता उन अधिकारियों की है जिनको समय पर प्रोजेक्ट पूरा कराने की जिम्मेदारी दी गई है.

यह भी पढ़ें : 44 दिन, 10000 किमी... श्रीलंका के अशोक वाटिका से भगवान राम की 'चरण पादुका' लेकर अयोध्या जा रहे भक्त

राज्यमंत्री की दलील

नगरीय आवास एवं विकास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि विकास के काम करने से कुछ दिक्कतें आती हैं. सतना को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए काम चल रहा है. जो भी दिक्कतें आ रही हैं उन्हें दूर कर काम किया जाएगा. पिछली मीटिंग में भी अधिकारियों से चर्चा हुई थी.