Water Crisis in MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का खंडवा (Khandwa) जिला इन दीनों भीषण जल संकट (Severe Water Crisis) से जूझ रहा है. जबकि, जिले के पास इंदिरा सागर जलाशय (Indira Sagar Reservoir) जैसा बड़ा पानी का भंडार मौजूद है. इसी जलाशय से खंडवा में जलापूर्ति करने के लिए 120 करोड़ रुपए की नर्मदा जल योजना (Narmada Water Project) बनाई गई थी. लेकिन, उसके बाद भी खंडवा अब तक पानी की बूंद-बूंद को तरस रहा है. अब इस मामले को लेकर कांग्रेस सीबीआई जांच (CBI investigation) करने की मांग कर रही है. आइए आपको बताते हैं कि क्या है पूरा मामला..
ये है जल संकट का पूरा मामला
साल 2009 में मनमोहन सरकार में मंत्री, खंडवा से सांसद अरुण यादव ने केंद्र सरकार से खंडवा में पेय जल समस्या को दूर करने के लिए नर्मदा जल परियोजना स्वीकृत कराई.
बस यही निर्णय खंडवा नगर निगम के लिए सर का दर्द बन गया. अब आए दिन प्लास्टिक के पाइप क्रैक हो जाते हैं या फुट जाते हैं. जिसके चलते वाटर सप्लाई में दिक्कत आती है. लोग पानी नहीं मिलने से अपने काम धंधे तक पर नहीं जा पा रहे हैं.
पानी के लिए तरस रहे लोग
2009 में स्वीकृत हुई इस योजना का पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत विश्व कंपनी के साथ अनुबंध किया गया. इस अनुबंध में कहा गया था कि खंडवा को हर रोज साफ और स्वच्छ पीने योग्य पानी मिलेगा. वह भी तीसरी मंजिल तक बिना किसी मोटर के सहारे पानी दिया जाएगा. लेकिन, अब यहां पानी की हालत यह है कि तीसरी मंजिल तो क्या, नलों में भी पानी नहीं आ पा रहा है... बता दें कि 2013 से इस योजना के तहत शहर में जल वितरण का कार्य शुरू किया गया था. 2014 के बाद से पूरे शहर में पाइप लाइन बिछा कर जल वितरण किया जा रहा है. लेकिन, तब से अब तक लगभग 300 से ज्यादा बार नर्मदा जल की पाइपलाइन फुट चुकी है.
300 बार फुट चुकी है पाइपलाइन
नर्मदा योजना की पाइपलाइन को सुधारने में एक बार का खर्च लगभग ढाई लाख रूपए आता है. इस लिहाज से देखें तो, अब तक 7.30 करोड़ रुपए इसके मरम्मत पर खर्च हो चुके हैं. वहीं, दो बार शहर में डिस्ट्रीब्यूशन के लिए नेटवर्क लाइन को बढ़ाया जा चुका है. इतना ही नहीं, पुराने जल स्रोत सुक्ता जल प्रदाय केंद्र को भी अपडेट कर इसमें करीब 61 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. यानी, 45 करोड़ पर बचाने के चक्कर में खंडवा नगर निगम अब तक 90 करोड़ से ज्यादा का खर्च कर चुकी है. इसके बाद भी समस्या का हल होते नहीं नजर आ रहा...
मामले को लेकर राजनीति भी है तेज
कांग्रेस भी लगातार इस मामले को लेकर हमलावर है. योजना के शुरुआत में ही जब प्लास्टिक के पाइप डाले जा रहे थे, तभी से कांग्रेस ने अपना विरोध दर्ज करना शुरू किया था. लेकिन, विरोध के बावजूद प्लास्टिक के पाइप डाल दिए गए. अब पाइप बार-बार फूटने पर कांग्रेस नेता प्रदर्शन करते हैं और भ्रष्टाचार के आरोप भी लगा रहे है. इसी के चलते वर्तमान में खंडवा नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष दीपक राठौड़ ने FIR करने के लिए खंडवा के कोतवाली थाने में आवेदन दिया. FIR के आवेदन पर सुनवाई नहीं हुई तो वह टावर पर चढ़ गए, ताकि उनकी बात सुनी जाए. हालांकि, कांग्रेस नेताओं ने ही उन्हें समझा कर वापस उतार लिया. कांग्रेस नेता अब इस मामले में ईडी ओर सीबीआई से जांच की मांग कर रहे है.
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जल विभाग के अधिकारी ने रखा अपना पक्ष
एम आई सी मेंबर और जल विभाग के प्रभारी यादव का कहना है कि शहर में जल संकट से लोगों को निजात दिलाने के लिए टैंकरों से पानी वितरित किया जा रहा है. जल्द ही पाइपलाइन को सुधार कर सुचारू रूप से जल वितरण किया जाएगा. उनका कहना है कि गर्मी होने के चलते लोग पानी की किल्लत से परेशान हो रहे हैं. इसे जल्द ही दूर कर दिया जाएगा. कांग्रेस के भ्रष्टाचार के आरोपों को नकारते हुए कहा कि कांग्रेस खुद ही भ्रष्टाचारी पार्टी है.
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