केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा है. उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किसानों का कर्ज माफ नहीं किया, जबकि उनके शीर्ष नेता ने विधानसभा चुनाव से पहले इसका वादा किया था.
‘जन आशीर्वाद यात्रा' के दौरान जनसभा को किया संबोधित
उन्होंने यह बात मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के तलेन और सारंगपुर में इस साल के अंत में प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा निकाली जा रही ‘जन आशीर्वाद यात्रा' के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए कही.
सिंधिया ने कहा, ‘‘कांग्रेस के नेता 2018 के चुनाव में बोलते थे - किसान भाई चिंता मत करना, उनकी सरकार आईं तो दस दिन में किसानों का कर्जा माफ कर देंगे. मगर उनके राष्ट्रीय नेता की कथनी और करनी सुनिए. 10 दिन गुजर गए, 30 दिन गुजर गए और 15 महीने भी गुजर गए, लेकिन आप बताइए किसी का कर्जा माफ हुआ क्या?''
ये भी पढें: "छत्तीसगढ़ देश का पावर हाउस , इसके विकास से देश का विकास होगा"- PM मोदी
शिवराज सरकार की तारीफ
उन्होंने आगे कहा कि 15 महीने की तत्कालीन कांग्रेस सरकार (17 दिसंबर 2018 से 23 मार्च 2020 तक) ने वल्लभ भवन को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाकर मध्यप्रदेश को दोबारा बीमारू राज्य बनाने का कृत्य किया. सिंधिया ने कहा कि लेकिन प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिरने के बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में फिर भाजपा की सरकार बनी और आज मध्यप्रदेश देश के विकसित राज्यों में अग्रणी पंक्ति में है.
56 साल तक रहा कांग्रेस का शासन
सिंधिया ने कहा कि साल 2003 तक मध्य प्रदेश में 56 साल कांग्रेस सत्ता में रही, जिसने प्रदेश को बीमारू राज्य बनाकर छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस के शासन में कोरोना महामारी आयी तो कांग्रेस के मुख्यमंत्री के पास महामारी से निपटने का समय नहीं था. आईफा अवार्ड (फिल्म जगत का पुरस्कार समारोह) के लिए वे इंदौर चले गए.
सिंधिया ने कहा कि वह तो शिवराज सिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी के योद्धा कार्यकर्ता है, जिन्होंने जी-जान लगाकर कोरोना काल में लोगों की मदद की. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन का सिलेंडर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने हरक्यूलिस विमान रायपुर भेजा। अगर कांग्रेस होती ये संभव नहीं होता.
कांग्रेस पर उठाए सवाल
सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस के राज में जिस देश को झोली फैलाकर विदेशी देशों के सामने भीख मांगना पड़ता था, स्मालपॉक्स का टीका, बीसीजी का टीका भारत में 10 साल बाद आता था, उसी देश से कोरोनाकाल में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दो-दो कोरोना रोधी टीकों का अविष्कार हुआ. इसी टीके से लोगों की जान बची. उन्होंने कहा कि एक समय होता था, तब कांग्रेस के प्रधानमंत्री कहते थे वो एक रुपया भेजते हैं तो जनता तक 15 पैसा ही पहुंचता है. मगर आज केंद्र की सरकार अगर एक रुपया भेजती है तो पूरा एक रुपया हितग्राहियों के खाते में पहुंचता है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)