सतना : 70 लाख की लागत का escalator हुआ 'बेकार', बुजुर्गों, विकलांगों की बढ़ी परेशानी

ये escalator हमेशा बंद मिलता है जिस वजह से अब यह लोगों के आने-जाने के बजाय आराम करने का ठिकाना बन गया है. पता नहीं रेलवे प्रशासन की नींद कब खुलेगी और कब इस escalator पर लोग फिर से आना-जाना शुरू कर पाएंगे.

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इस escalator का उद्घाटन दो साल पहले जुलाई 2021 में सांसद गणेश सिंह ने फीता काटकर किया था.
सतना:

सतना रेलवे स्टेशन पर लगा 70 लाख का escalator सफेद हाथी बन गया है. यात्रियों को सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रेलवे द्वारा 70 लाख रुपए खर्च कर सतना रेलवे स्टेशन में दो साल पहले escalator लगाया गया था. यात्रियों को एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक आने-जाने में कोई दिक्कत ना हो इसलिए इसे प्लेटफार्म नंबर एक पर लगाया गया था लेकिन रेलवे की उदासीनता के चलते अब ये सुविधा महज खानापूर्ति बन कर रह गई है.

रेलवे प्रशासन की उदासीनता का शिकार हुआ escalator

स्थानीय रेलवे विभाग की उदासीनता की हद तो देखिए कि 70 लाख का escalator हमेशा बंद ही मिलता है, जिस वजह से अब ये लोगों के आने-जाने के बजाय, लोगों के आराम करने का ठिकाना बन गया है. दो साल पहले जुलाई 2021 में सांसद गणेश सिंह ने फीता काटकर escalator को आम जनता के लिए समर्पित किया था और आज ये बदहाली को समर्पित हो गया है.

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दिव्यांगों और बुजुर्गों को हो रही है काफी परेशानी

उस दौरान रेलवे प्रशासन का दावा था कि अब सतना रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-1 से 2 पर जाने के लिए यात्रियों को सीढियां नहीं चढनी होंगी, विशेष रूप से बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए ये काफी उपयोगी साबित होगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. ये escalator जिले का पहला escalator है जिसे सतना रेलवे स्टेशन पर लगाया गया है.

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कब जगेगा स्थानीय रेलवे प्रशासन ?

इस escalator से लोगों के लिए प्लेटफार्म बदलना आसान हो जाता है लेकिन इसके चालू ना रहने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, विशेष रूप से बुजुर्गों और दिव्यांगों को इससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय रेलवे प्रशासन इसकी सुध नहीं ले रहा है.

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