MP Sewer Accident: सतना में पोकलेन चालक की मौत का जिम्मेदार कौन? आधा अधूरा काम करने पर टर्मिनेट हुई थी कंपनी

Satna Sewer Accident: मध्य प्रदेश के सतना नगर निगम क्षेत्र में दर्दनाक हादसा हो गया. जिस सरकारी काम के लिए युवक गड्ढा खोद रहा था, उसी गड्ढे में मशीन सहित समा गया. युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. नीचे गड्ढे में फंसी युवक की लाश को 5 घंटे की मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया.

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Madhya Pradesh News: सतना नगर निगम के सीवर लाइन की खुदाई के दौरान जान गवाने वाले पोकलेन मशीन चालक की मौत का जिम्मेदार कौन है? क्या मौके पर काम कर रही कंपनी पीसी स्नेहिल ने सुरक्षा मापदंडों की अनदेखी कर हादसे को न्यौता दिया या फिर पुरानी संविदा कंपनी केके स्पन की गलतियों की सजा चालक को भोगनी पड़ी. सच क्या है यह तो जांच का विषय है, लेकिन इतना साफ है कि हादसों को रोकने की दिशा में न तो संविदा कंपनी ने कोई ध्यान दिया और न ही नगर निगम प्रशासन ने. लापरवाही का नतीजा यह है कि एक निर्दोष चालक अपनी जान से हाथ धो बैठा.

आधा अधूरा काम करने पर टर्मिनेट हुई थी केके स्पन कंपनी

नगर निगम प्रशासन ने जानकारी दी है कि अमृत मिशन के तहत सीवर घटक का कार्य पूर्व में केके स्पन कंपनी द्वारा किया गया था. समय पर काम नहीं करने पर केके स्पन कंपनी को टर्मिनेट कर दिया गया था. इस कंपनी द्वारा जोन ए में छोड़े गए 51 किमी के कार्य को पीसी स्नेहिल कंपनी द्वारा किया गया. वर्तमान समय में 49.5 किमी का कार्य पूरा हो चुका है और 1.5 किमी का कार्य शेष है.

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सीवर लाइन जोड़ने के दौरान पता चला कि निशांत विहार कॉलोनी की 16 मीटर क्षेत्र को केके स्पन कंपनी द्वारा पाइपलाइन नहीं डाली गई थी. इस कार्य को पूर्ण करने के लिए पीसी स्नेहिल कंपनी द्वारा कार्य किया जा रहा था. बता दें कि जहां कार्य किया जा रहा था वहां रोड सकरी थी और चार मीटर गहराई का काम किया जा रहा था. वहीं मिट्टी के धसाव के कारण चैन माउण्टेन जेसीबी पलट गई. इस हादसे में चालक की मशीन में फंसने से मौत हो गई. 

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मृतक के परिवार को दी जाएगी सहायता राशि

सीवर लाइन हादसे में जान गवाने वाले मनीष तिवारी के परिवार को सहायता राशि दी जाएगी. मृतक को शासन द्वारा दी जाने वाली सहायता कितनी होगी फिलहाल स्पष्ट नहीं किया गया. वहीं मृत्यु होने की परिस्थितियों की जांच पुलिस द्वारा करवाई जा रही है.

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कमिश्नर ने चालक को पहुंचाया अस्पताल

यूं तो हादसे के बाद नगर निगम प्रशासन पर तमाम लोगों ने प्रश्न चिन्ह लगाया, लेकिन इन सब के बीच एक ऐसी तस्वीर भी सामने आई, जो नगर निगम आयुक्त शेर सिंह मीणा की संवेदनशीलता को प्रदर्शित करती है. जब कटर मशीन के सहारे चालक को बाहर निकाल कर अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस में रखा गया तब कमिश्नर भी उसी एम्बुलेंस में बैठ गए. उन्होंने आरएमओ डॉ शरद दुबे के साथ चालक को अस्पताल पहुंचाया.

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