केंद्रीय कृषि मंत्री का घेराव करने जा रहे कांग्रेसी व पुलिस के बीच धक्का -मुक्की, ऐसे उग्र हो गए कार्यकर्ता

Satna News: कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि प्रशासन सरकार के दबाव में विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहा है. उनका कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी समस्याओं को सामने रखना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने अनावश्यक रूप से रोका. 

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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन के बाद अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया उत्साह नजर आ रहा है. कभी सामान्य रूप से आंदोलन करने वाले अब उग्र आंदोलन से भी नहीं हिचकिचा रहे. गुरुवार को  सतना में कांग्रेस ने विपक्ष की प्रभावी उपस्थित दर्ज कराई. एक ओर जिला अध्यक्ष सिद्धार्थ कुशवाहा ने केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह का काफिला रोक लिया तो दूसरी ओर कांग्रेस नेत्री डॉ रश्मि पटेल व उनके समर्थक पुलिस से भिड़ गए.

पुलिस ने रोका तो उग्र हुए कांग्रेसी 

दरअसल कांग्रेस नेता डॉ रश्मि पटेल के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह को काला झंडा दिखाने जा रहे थे. ग्राम बिहटा में पुलिस ने रोक लिया. तभी कांग्रेस नेत्री डॉ. रश्मि सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ता उग्र हो गए और पुलिस को धक्का देकर आगे बढ़ गए. कांग्रेस नेताओं का उद्देश्य किसानों की समस्याओं और स्थानीय मुद्दों को उठाते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री का घेराव करना था. लेकिन जैसे ही काफिला आगे बढ़ने लगा, मौके पर मौजूद उचेहरा थाना पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड हटाने को लेकर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में आक्रोश बढ़ गया. इस दौरान कांग्रेस नेत्रियों और पुलिस के बीच जोर-जबरदस्ती हुई, धक्का-मुक्की का माहौल बन गया. कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी और पुलिस बल को पीछे धकेलने का प्रयास किया. वहीं, पुलिस ने स्थिति संभालने के लिए अतिरिक्त जवान बुला लिए.

कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि प्रशासन सरकार के दबाव में विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रहा है. उनका कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी समस्याओं को सामने रखना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने अनावश्यक रूप से रोका. दूसरी ओर, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि भीड़ को नियंत्रण में रखना उनकी जिम्मेदारी है, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो. लगभग आधे घंटे तक चली इस झड़प के कारण वातावरण तनावपूर्ण रहा. बाद में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और समझाइश देकर स्थिति को सामान्य करने का प्रयास किया.

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