दशकों से था यहां मुक्तिधाम में एक ही परिवार का कब्जा, शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने किया बेदखल

Muktidham : मुक्तिधाम में दशकों से कब्जा किए हुए शख्स पर जिला प्रशासन ने शिकायत मिलने के बाद बड़ी कार्रवाई की है. पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद प्रशासन ने अतिक्रमण कारी को मुक्तिधाम से बेदखल किया. 

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Satna News :  सतना जिले के नारायण तालाब के समीप स्थित मुक्तिधाम में अवैध रूप से घर बनाकर रहने वाले शख्स पर कार्रवाई की गई है. बता दें, कब्जाधारी शोक संतप्त परिवार से वसूली करता था. ऐसे आरोप लगाए गए थे.. रविवार को इस मुद्दे पर बड़ा एक्शन देखने को मिला है.

एसडीएम सिटी राहुल सिलाड़िया के नेतृत्व में पुलिस और नगर निगम का अतिक्रमण दस्ता पहुंचा और कब्जा हटाने की कार्रवाई की. पहले तो अतिक्रमण हटाने को तैयार नहीं हुआ, लेकिन जब सख्ती हुई, तो मदद की गुहार लगाते हुए जगह खाली करने को तैयार हो गया, जिसके बाद सर्व समाज ने तत्काल 11 हजार रुपये की सहायता दी.

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सर्व समाज ने उठाया था मुक्तिधाम में कब्जे का मुद्दा

मिली जानकारी के अनुसार, शहर के कोलगवां थाना क्षेत्र के नारायण तालाब मुक्तिधाम में कब्जा कर सालों से एक परिवार रह रहा था. अब कब्जा करने वाले शख्स को जिला प्रशासन ने मुक्तिधाम से बेदखल कर दिया. सर्व समाज के लोगों ने रविवार की सुबह ही थाने पहुंचकर एसडीएम सिटी राहुल सिलाडिया को इस संबंध में ज्ञापन दिया था.इस मुद्दे को उठाया था.

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जानें क्या है मामला

सिंधु समिति एवं जन सहयोग से बनाए गए नारायण तालाब मुक्तिधाम में चुनका नामक युवक अपने परिवार के साथ रह रहा था. चुनका पर आरोप है कि वह अंतिम संस्कार में आए लोगों से अवैध वसूली करने के अलावा नशे के अवैध कामों में भी संलिप्त है. सिंधु विकास समिति को इस बारे में कई शिकायतें मिली थी.

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रविवार सुबह 10 बजे सर्व समाज के लोग मुक्तिधाम परिसर में इकट्ठे हुए और कोलगवां थाने पहुंचे. टीआई सुदीप सोनी की सूचना पर एसडीएम सिटी राहुल सिलाडिया मौके पर पहुंचे और सर्व समाज के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात कर उनका ज्ञापन लिया. पूरा मामला समझने के बाद एसडीएम एवं कोलगवां थाना पुलिस सर्व समाज के प्रतिनिधिमंडल के साथ मुक्तिधाम पहुंची और चुनका द्वारा किए गए अवैध अतिक्रमण का मुआयना करने के बाद उसे मुक्तिधाम खाली करने को कहा.

'पैदा ही यहीं हुआ हूं'

चुनका ने एसडीएम को बताया, "मुक्तिधाम में उसके पिता काम करते थे, वो यही पैदा हुआ और उसकी शादी भी यहीं हुई. लिहाजा वह मुक्तिधाम छोड़कर नहीं जाएगा". काफी देर तक चली बातचीत और समझाइश के बाद चुनका मुक्तिधाम खाली करने को राजी हो गया. प्रशासन ने कब्जा हटवा कर मुक्तिधाम को अतिक्रमण मुक्त करा दिया. लगभग 5 घंटे लंबी चली कार्रवाई के इस दौरान सर्व समाज के प्रतिनिधिमंडल ने चुनका को चंदा कर 11000 रुपये की सहायता राशि भी दी.

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