Dog Bite in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के सागर में अजीबो गरीब मामला सामने आया है. यहां एक युवक को कुछ समय पहले एक आवारा कुत्ते ने काटा लिया था. इसके बाद से वो आक्रामक हो गया है और लोगों पर हमला करने लगा. वहीं युवक की इस हरकत से सबक लेकर सतना नगर निगम प्रशासन ने अवारा कुत्तों को वैक्सीन और नशबंदी की तैयारी शुरू कर दी है. हाल ही में नगर निगम ने शहर में मौजूद लगभग चार हजार स्ट्रीट डॉग को वैक्सीन लगवाने और नशबंदी कराने 40 लाख का टेंडर निकाला है.आउट सोर्स एजेंसी के माध्यम से यह अभियान चलाया जाएगा.
बता दें कि सतना शहर में आवारा कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. जिससे डॉग बाइट के मामले भी बढ़े हैं. कुत्ते के काटने की घटनाओं के बाद नगर निगम ने कुत्तों की नसबंदी का निर्णय लिया है. 4 हजार कुत्तों की नसबंदी होगी, जिसमें प्रति डॉग 1 हजार रुपये खर्च का प्रावधान किया गया है. कुत्तों की संख्या के आधार पर यह राशि कम ज्यादा हो सकती है.
आवारा कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने की कोशिश
पूरे मध्य प्रदेश में कुत्तों की बढ़ती जनसंख्या एक बड़ी समस्या बन चुकी है. आए दिन डॉग बाइट से शहर में हड़कंप मचा हुआ है. जिसके बाद नगर निगम, सतना ने कुत्तों की नसबंदी के प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से मुहर लगा दी है. अब निगम शहर भर में अभियान चलाकर कुत्तों की नसबंदी करेगा. आवारा कुत्तों द्वारा मासूम बच्चों और आम जनता को काटने की घटनाओं के बाद नगर निगम ने ये कदम उठाया है.
40 लाख का निकला टेंडर
नगर निगम ने कुत्तों को पकड़ने के लिए 40 लाख रूपये का टेंडर जारी किया है. इसमें उनका बधियाकरण और टीकाकरण शामिल है. नगर निगम ने आवारा कुत्तों को पकड़ने की पूरी तैयारी कर ली है. अब इन आवारा कुत्तों की नसबंदी कराई जाएगी.
पहले भी एक हजार कुत्तों की हुई थी नसबंदी
इसके पहले भी सतना नगर निगम द्वारा करीब एक हजार कुत्तों की नसबंदी कराई जा चुकी है. सतना नगर निगम क्षेत्र में हजारों की संख्या में आवारा कुत्ते विचरण कर रहे हैं. ये लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. आए दिन ऐसे केस सुने जा रहे हैं. यही वजह है कि अब इसके लिए निविदा एजेंसी तय की जा रही है जो इनकी धड़पकड़ करेगी. वैक्सीनेशन के साथ साथ इनकी नसबंदी भी की जाएगी. ताकि नागरिकों को डॉग बाइट से बचाया जा सके.
जवाबदेही तय हो
आम लोगों ने बातचीत में कहा कि आवारा कुत्तों को पकड़ने के साथ-साथ पशु प्रेमियों की भी जवाबदेही फिक्स की जानी चाहिए. तमाम लोग कुत्ते पालते है, लेकिन उन्हें कहीं ना कहीं खुला छोड़ देते हैं, जिससे कुत्ते लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. नगर निगम प्रशासन और जिला प्रशासन को एक गाइडलाइन बनानी चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगे.